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आईसीआईसीआई बैंक ग्रामीणों को भी देगा सस्ता कर्ज

आईसीआईसीआई बैंक ग्रामीणों को भी देगा सस्ता कर्ज

निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक आईसीआईसीआई बैंक ग्रामीण इलाकों में ग्राहकांे को 15 लाख रुपये तक का ऋण आधार दर पर उपलब्ध कराएगा। आधार दर बैंकों की कर्ज पर ली जाने वाली सबसे निम्न ब्याज दर होती है। बैंक महिलाआंे को पहले ही आधार दर पर कर्ज उपलब्ध करा रहा है।
होम लोन दरों में फिलहाल और कटौती की न रखें उम्मीद

होम लोन दरों में फिलहाल और कटौती की न रखें उम्मीद

पिछले एक वर्ष में नीतिगत रेपो दर में 25-25 बेसिस प्वाइंट्स की तीन कटौतियों की सौगात दे चुका भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) बैंकों से लोन लेने वाले ग्राहकों को इस साल की दूसरी ‌त्रैमासिक मौद्रिक समीक्षा में शायद ही और कटौती करे।
स्वर्ण बांड योजना से 15,000 करोड़ जुटाएगी सरकार

स्वर्ण बांड योजना से 15,000 करोड़ जुटाएगी सरकार

सरकार चालू वित्त वर्ष में स्वर्ण बांड योजना से 15,000 करोड़ रुपये जुटाने पर विचार कर रही है। इस बारे में इसी महीने कैबिनेट नोट जारी किया जा सकता है।
दस फीसदी की विकास दर असंभव नहीं : जेटली

दस फीसदी की विकास दर असंभव नहीं : जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भरोसा जताया है कि सरकार की ओर से किए जा रहे आर्थिक सुधारों, नीतिगत बदलावों, बुनियादी ढांचे जैसे प्रमुख क्षेत्रों में धन का प्रवाह बढ़ाने तथा संभावित अच्छे मॉनसून के साथ 10 फीसदी की विकास दर असंभव नहीं है।
सस्‍ते कर्ज की आस, रेपो रेट 0.25% घटा

सस्‍ते कर्ज की आस, रेपो रेट 0.25% घटा

रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की है, जिससे कर्ज सस्‍ता होने की उम्‍मीद बढ़ गई है। फिलहाल बैंकाें को आरबीआई से सस्‍ता कर्ज मिलेगा। माना जा रहा है कि जल्‍द ही बैंक इस राहत को ग्राहकों तक भी पहुंचाएंगे।
रेपो दर और घटा सकता है रिजर्व बैंक

रेपो दर और घटा सकता है रिजर्व बैंक

मुद्रास्फीति और वित्तीय घाटा नियंत्रण में रहने के मद्देनजर बैंकरों और उद्योगपतियों को उम्मीद है कि रिजर्व बैंक मंगलवार को होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने और निवेश बढ़ाने के लिए रेपो दर में कटौती कर सकता है।
कुछ सवाल जो पनगढ़िया छिपा गए

कुछ सवाल जो पनगढ़िया छिपा गए

नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने अपने ब्लॉग में देश की आर्थिक तरक्की का जिक्र किया है और इसमें कृषि को छोड़ अन्य दूसरे क्षेत्रों का योगदान बताया है। लेकिन उन्होंने यह जिक्र करना शायद उचित नहीं समझा कि पिछले जिस दशक के दौरान अर्थव्यवस्‍था में सबसे तेज विकास हुआ, उसी अवधि में रोजगार की विकास दर सबसे धीमी क्यों रही?
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