समलैंगिक (एलजीबीटी) समुदाय का हिस्सा होने का दावा करने वाली कुछ मशहूर हस्तियों ने उच्चतम न्यायालय का रूख कर आईपीसी की धारा 377 को रद्द करने की गुहार लगाई है। आईपीसी की धारा 377 के तहत देश में समलैंगिकता एक दंडनीय अपराध है। इस अर्जी पर कल सुनवाई होने की संभावना है।
पाकिस्तान में पवित्र हिंदू शब्द ओम लिखी चप्पलें बेचने वाले शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। देश के अल्पसंख्यक समुदाय के विरोध के बाद कार्रवाई करते हुए पुलिस ने जूतों को भी जब्त कर लिया।
दिल्ली विधानसभा में भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने शुक्रवार को सदन में विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया और मेज पर चढ़ गए। गुप्ता के इस कृत्य की काफी आलोचना हुई और विधानसभाध्यक्ष राम निवास गोयल ने इसे अत्यंत शर्मनाक करार दिया और कहा कि इससे सदन की बदनामी हुई है।
हरियाणा में सोमवार को भी आरक्षण की मांग को लेकर जाटों का आंदोलन जारी रहा। राज्य में विभिन्न स्थानों पर ऑल इंडिया जाट आरक्षण संघर्ष समिति (एआईजेएएसएस) से जुड़े जाट नेताओं ने दूसरे दिन भी धरना दिया लेकिन उसमें लोगों की उपस्थिति कम ही रही।
बिहार के गया जिले में स्थानीय नेता की हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रही उग्र भीड़ ने वहां से गुजर रहे पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के काफिले पर हमला कर दिया और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। भीड़ के हमले में मांझी के घायल होने की खबर है। हालांकि स्थानीय पुलिस ने इस बात से इनकार किया है।
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में दक्षिणपंथी संगठन बजरंग दल द्वारा अपने कार्यकर्ताओं के लिए हथियार प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने का राज्यपाल राम नाईक ने बचाव किया है। अयोध्या में बजरंग दल के प्रबंधन वाले कुछ विद्यालयों में आयोजित शिविरों में भगवा कार्यकर्ताओं के हाथों में राइफल, हथियार और लाठियों वाले फोटो सोशल मीडिया और खबरिया चैनलों पर प्रसारित होने के बाद यह मामला सामने आया।
बांग्लादेश पुलिस ने देश की पहली समलैंगिक पत्रिका के संपादक और उनके मित्र की हत्या के मामले में एक संदिग्ध आतंकी की गिरफ्तारी की घोषणा की है। यह गिरफ्तारी ऐसे समय पर की गई है, जब मुस्लिम बहुल इस देश में एक के बाद एक बुद्धिजीवियों, लेखकों और अल्पसंख्यकों की हत्याएं हुई हैं।
महिला अधिकार कार्यकर्ता तृप्ति देसाई ने कड़ी सुरक्षा के बीच मुंबई के हाजी अली दरगाह में प्रवेश कर वहां की जियारत की। कुछ लोगों के विरोध के बीच पुलिस की मौजुदगी में दरगाह में दुआ मांगने के बाद तृप्ति ने कहा कि उनका संघर्ष लैंगिक समानता को लेकर है।
अन्ना के जल संरक्षण मॉडल से उनके गांव वाले ही उनसे नाराज हो गए हैं। अन्ना के सामाजिक जीवन में शायद यह पहली बार हो रहा है। जब उनके अपने लाेगों ने ही उनका विरोध किया है। गांव के किसान वाटर लेबल में सुधार के लिए बोरवेल भरे जाने की अन्ना की मुहिम को दरकिनार करते हुए एकमत होकर कहा है कि हम हर बार अन्ना की नहीं सुनेंगे।