योग गुरु बाबा रामदेव ने रविवार को उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया मुलायम सिंह यादव और उनके मुख्यमंत्री पुत्र अखिलेश यादव से मुलाकात की।
साल 2012 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जब विधानसभा चुनाव में युवाओं की फौज लेकर चल रहे थे तब पार्टी के कई बुजुर्ग नेता यह कहते सुने जा रहे थे कि नया जोश है कुछ कर नहीं पाएंगे। लेकिन उसी जोश ने समाजवादी पार्टी के इतिहास में सर्वाधिक सीटें दीं और इसका श्रेय अखिलेश यादव और उनकी टीम को मिला।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को प्रधानमंत्री बनाने का जो सपना उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव देख रहे हैं उससे कांग्रेस के कई नेता सहमत नहीं है। कांग्रेस की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं अाई है लेकिन बातचीत में कई नेताओं ने कहा कि ऐसी शर्त रखकर गठबंधन नहीं किया जा सकता।
उत्तराखंड सरकार ने यात्रियों को जोशीमठ से लेकर बद्रीनाथ धाम तक की यात्रा से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए एंड्रायड आधारित मोबाइल एप्लीकेशन जारी की है।
सोशल मीडिया की बढ़ते महत्व को देखते हुए समाजवादी पार्टी अब मोबाइल एप्लीकेशन ‘एप’ के जरिए पार्टी की नीतियों के प्रचार-प्रसार करेगी। इसके लिए #samajwadiakhilesh समाजवादी अखिलेश के नाम से मोबाइल एप्लीकेशन ‘एप’ लांच किया गया।
उत्तर प्रदेश में सरकार और राज्यपाल के बीच टकराव बढ़ गया है। ताजा टकराव लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर है। उतर प्रदेश सरकार ने कैबिनेट से प्रस्ताव पारित कराकर लोकायुक्त की नियुक्ति की जो फाइल राज्यपाल को भेजी थी। राज्यपाल ने उस फाइल को लौटा दिया।
कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए इस साल से शुरू हुए नए रास्ते, (सिक्किम से हो कर गुजरने वाला) के कारण उत्तराखंड से होकर जाने वाले पुराने मार्ग पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। इस रास्ते को लेकर तीर्थ यात्रियों के बीच आकर्षण कम नहीं हुआ है।
समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने कहा है कि उनके पास जो रिपोर्ट पहुंच रही है उसके अनुसार अगले विधानसभा चुनाव में यूपी में उनकी पार्टी के मंत्री बड़ी संख्या में चुनाव हारने जा रहे हैं।
नोएडा विकास प्राधिकरण के निलंबित इंजीनियर यादव सिंह के मामले में सीबीआई को जो दस्तावेज मिले हैं उनमें समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के कई बड़े नेताओं का नाम शामिल है। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक जांच का जो दायरा है वह 2002 से लेकर 2014 तक के बीच तय किया गया है। इस दौरान प्रदेश में भाजपा, सपा और बसपा की सरकारें रही है। सूत्रों के मुताबिक इन सभी दलों के बड़े नेताओं से यादव सिंह का संबंध रहा जिसकी वजह से वह गलत कामों को अंजाम देता रहा।