आखिरकार बिहार में सियासी घमासान के बीच शुक्रवार को नीतीश कुमार ने विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया है। इस दौरान पक्ष में 131 वोट पड़े, जबकि विरोध में 108 मिले। कहा जा सकता है कि जिस तरह जदयू में फूट की बात सामने आ रही थी उसका असर वोटिंग में बिल्कुल भी नहीं दिखा।
बिहार में चल रहे सियासी शक्ति प्रदर्शन के बीच राजद सुप्रीमो लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर नीतीश-मोदी की दोस्ती को लेकर पुराना मुद्दा उठाया है।
बिहार विधानसभा में विश्वासमत की कार्यवाही चल रही है, वहीं आरजेडी के नेता तेजस्वी को विपक्षी दल का नेता चुन लिया गया है। इस दौरान तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार हे राम से जय श्रीराम हो गए।
बिहार में सियासी ड्रामा चरम पर है। नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव के भ्रष्टाचार के मुद्दे पर इस्तीफा देते हुए गठबंधन तोड़ा तो वहीं विपक्षी दल भाजपा ने उन्हें अपना समर्थन देने का ऐलान कर दिया। नीतीश का शपथ ग्रहण गुरुवार को शाम 5 बजे होना तय हुआ था, लेकिन शपथ ग्रहण का कार्यक्रम सुबह 10 बजे हो गया। इस तरह नीतीश कुमार ने छठी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
बुधवार को रातभर चले सियासी ड्रामे के बाद नीतीश कुमार ने गुरुवार को छठी बार सीएम पद की शपथ ली। वहीं, सुशील मोदी ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की। शपथ ग्रहण के साथ ही राज्य में एक बार फिर से भाजपा-जदयू की सरकार बन गई है।
बुधवार को रातभर चले सियासी ड्रामे के बाद जहां नीतीश कुमार ने गुरुवार को छठी बार सीएम पद की और सुशील मोदी ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली, वहीं बिहार में जेडीयू-आरजेडी का गठबंधन टूटने के बाद लालू यादव ने नीतीश के इस फैसले पर नाराजगी जाहिर की है।
बिहार के हरनौत में स्वतंत्रता सेनानी के घर पैदा हुए नीतीश को बचपन में मुन्ना कहा जाता था। नीतीश के पिता आयुर्वेद का काम भी करते थे और नीतीश उनका साथ देते थे और दवा की पुड़िया बांधते थे। उनके पिता कांग्रेस से जुड़े रहे थे। उनके पिता ने 1952 और 57 के आम चुनाव में कांग्रेस से टिकट मांगा लेकिन कांग्रेस ने मना कर दिया। इस वजह से उनके पिता बाद में कांग्रेस छोड़कर जनता पार्टी के साथ चले गए थे।