देश के सबसे अमीर मंदिर यानी कि तिरुपति बालाजी मंदिर श्राइन बोर्ड इन दिनों काफी परेशान है। मंदिर प्रबंधन असमंजस में हैं। दरअसल पिछले दो महीने के अंदर इस मंदिर में जो करोड़ों का दान हुआ है, वो सभी दान 500-1000 के पुराने नोटों में हुआ है। यहां की दान पेटियों में पुराने नोट मंदिर मैनजमेंट के लिए दिक्कत खड़ी कर रहे हैं।
अगर सब कुछ योजना के मुताबिक रहा, तो आंध्रप्रदेश के तिरूपति बालाजी मंदिर की तर्ज पर मध्य प्रदेश के महाकालेश्वर मंदिर समेत छह देवालयों के नाम डी-मैट खाते खोले जायेंगे। इन खातों के खुलने के बाद भक्त अपने इष्ट को शेयर और प्रतिभूतियां भी दान कर सकेंगे जिससे मंदिरों की आय में इजाफा होगा।