आमतौर पर लोग सेल्फी लेना और उसे साझा करना पसंद करते हैं लेकिन एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि कोई और उन्हें सोशल मीडिया में डाले यह बात उन्हें रास नहीं आती है।
जम्मू कश्मीर के क्रिकेटर परवेज रसूल पर राष्ट्रगान के दौरान च्यूइंग गम चबाने का आरोप लगा है। बीते दिन कानपुर में इंग्लैंड के खिलाफ हुए मैच के दौरान रसूल ने कुछ ऐसा कर दिया, जिसके बाद उन पर लोगों ने देशद्रोही होने का आरोप मढ़ दिया।
बराक ओबामा का कार्यकाल के समाप्त होने और डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति की शपथ लेने के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया भर में सोशल मीडिया पर सबसे अधिक फॉलोवर वाले नेता बन गये हैं।
उच्चतम न्यायालय ने अर्जी पर केंद्र और टाई से जवाब मांगा कि व्हाट्सऐप और फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग साइटों ने निजी संवाद का व्यावसायिक इस्तेमाल करने के लिए 15.7 करोड़ भारतीयों की निजता का उल्लंघन किया है।
उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने मंगलवार को कहा कि देश में कल्याण संबंधी कानून बनाए जाने और कदम उठाए जाने के 70 साल बाद भी सामाजिक न्याय प्रदान करने की जमीनी हकीकत निराशाजनक है। उन्होंने कहा, सामाजिक न्याय के मामले में हम कहां खड़े हैं ? सामाजिक न्याय प्रदान करने के लिए कल्याण संबंधी कानून बनाए जाने और कदम उठाए जाने के 70 साल बाद भी यह एक सवाल है जो गणराज्य के लोग राज्य से पूछ सकते हैं।
नोटबंदी के मुद्दे पर संसद में बृहस्पतिवार को भी गतिरोध कायम रहा तथा विपक्ष के हंगामे के बीच इस पर चर्चा को आगे नहीं बढ़ाया जा सका। हालांकि हंगामे के बीच लोकसभा में आम बजट से जुड़ी अनुदान की अनुपूरक मांगों को पारित कर दिया गया।
बॉलीवुड की हॉट अदाकारा सनी लियोनी एक बार फिर जनसमूह में चर्चा का केंद्र बनी हैं। लियोनी ने दरअसर लोकप्रियता के मामले में देश के पीएम नरेंद्र मोदी को भी पीछे छोड़ दिया है। नोटबंदी से गरीब और मध्यमवर्ग जनता के दुलारे बन गए पीएम मोदी सनी को लोकप्रियता में मात नहीं दे सके हैं। सनी लियोनी भारत में सबसे ज्यादा सर्च की जानी वाली पर्सनैलिटी बन गई हैं।
पीएम नरेंद्र मोदी की नोटबंदी अब धीरे धीरे अपना असर दिखाने लगी है। कामगार वर्ग इस कदम से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। किसानों और सब्जी उत्पादकों को औने पौने दाम में अपने उत्पाद बेचने पड़ रहे हैं। मजदूरों की रोजी पर भी संकट आन पड़ा है। नोटबंदी से मंडियों में सब्जियों के दाम औंधे मुंह गिर गए हैं।
अहम सामाजिक एवं राजनीतिक मुद्दों पर आधारित फिल्म बनाने वाले निर्देशक प्रकाश झा का कहना है कि इस देश में पूरी तरह से राजनीतिक फिल्म बनाना असंभव है, क्योंकि यहां अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है।
मोदी सरकार के हालिया बड़े मूल्य के नोट चलन से बाहर करने के फैसले से कुछ अन्य वर्गों के साथ ही सेक्सवर्कर्स की आजीविका भी बड़े पैमाने पर प्रभावित हुई है। यह वर्ग भारतीय समाज का वह निचला तबका है जिसे वास्तव में समाज का हिस्सा ही नहीं माना जाता।