जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव की ओर से आयोजित ‘साझा विरासत बचाओ सम्मेलन’ में विपक्षी दलों ने एकजुट होकर अपनी ताकत का अहसास कराया। सम्मेलन में जुटे विपक्षी नेताओं ने गुजरात विधानसभा तथा देश के अगले आम चुनाव के लिए विघटनकारी ताकतों को रोकने के लिए ठोस रणनीति बनाने पर जोर दिया। सम्मेलन में विपक्षी दलों के नेता जिस तरह से जुटे उसे सियासी हलकों में अहम माना जा रहा है।
ईरानी में राष्ट्रपति हसन रूहानी के नये कार्यकाल के शुरू होते ही उनकी आलोचनाओं का दौर भी शुरू हो गया है। उनके ऊपर रूढ़िवादियों को परेशान करने के आरोप लग रहे हैं। 68 वर्षीय धार्मिक नेता रूहानी को उदारवादी माना जाता है।
सभी किसानों की कर्जा माफी और फसल का न्यूनतम समर्थम मूल्य (एसएमपी) के मुद्दों पर देशभर के किसानों में अलख जगाने के लिए मध्यप्रदेश के मंदसौर से छह जुलाई को जनजागृति यात्रा निकाली जाएगी और यह यात्रा दो अक्तूबर को महात्मा गांधी के किसान आंदोलन की सौवीं वर्षगांठ पर बिहार के चंपारण में समाप्त होगी। यह फैसला शुक्रवार को दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान में जुटे करीब 130 किसान संगठनों ने सर्वसम्मति से लिया। इस यात्रा को अंजाम देने के लिए अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति का गठन किया गया है। इतनी बड़ी संख्या में किसानों के संगठन का एकसाथ जुटना किसान एकता की दिशा में एतिहासिक कदम माना जा रहा है। समजा जाता है कि किसानों की इस तरह एकजुटता लंबे अर्से बाद दिखाई दी है।