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मुट्ठी के मुहाने पर तरक्की का आसमान

मुट्ठी के मुहाने पर तरक्की का आसमान

‘शाश्वत विकास से हरियाली, स्वच्छ वातावरण, सभी के लिए समृद्धि, युद्ध के भयरहित शांति और विश्व में सभी देशों में सभी नागरिकों के लिए खुशनुमा स्थान को प्राप्त करने का सामर्थ्य मिलता है।’ स्वर्गीय डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम के यही वे आखिरी शब्द हैं जो उन्होंने 17 जुलाई 2015 को शिलांग के एक व्याख्यान में कहे थे।
पोस्टर पर देखिए कपूर एंड संस को

पोस्टर पर देखिए कपूर एंड संस को

करण जौहर की आने वाली फिल्म कपूर एंड संस की चर्चा जोरो पर है। फिलहाल करण ने पोस्टर दिखा कर दर्शकों को अपनी फिल्म देखने का न्योता दे डाला है।
शोषण के तीर्थ में सृजन की शव-साधना

शोषण के तीर्थ में सृजन की शव-साधना

असंतोष और टकराव का लाल गलियारा बेहद लंबा है। आज राज्य के अर्द्ध सैन्य बल और प्रतिरोधी आदिवासी आमने-सामने हैं। आखिर क्यों है ऐसा? समाज विज्ञानी, लेखक और पत्रकार रामशरण जोशी इस ‘क्यों’ की पड़ताल अपनी नई पुस्तक ‘यादों का लाल गलियारा-दंतेवाड़ा’ में करते हैं।
शिवसेना की मोदी को नसीहत, 'महंगा पड़ेगा पाक की धरती चूमना'

शिवसेना की मोदी को नसीहत, 'महंगा पड़ेगा पाक की धरती चूमना'

शिवेसना ने पिछले दिनों अचानक पाकिस्तान की यात्रा करने पर पीएम मोदी पर करारा हमला किया है। पीएम की औचक लाहौर यात्रा पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने कहा कि भारतीय खून से सनी पाकिस्तानी भूमि को चूमना उनके लिए महंगा साबित होगा।
कोशिश करने वालों की सच में हार नहीं होती

कोशिश करने वालों की सच में हार नहीं होती

'कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती' एक सशक्त रचना है। इस रचना को हरिवंश राय बच्चन की रचना के रूप में प्रचारित किया जाता रहा है। इस रचना के बारे में काफी समय से मतभेद है कि यह रचना हरिवंशराय बच्चन की है या निराला की। हमने निराला और बच्चन की रचनावली के सभी खंड खंगाले लेकिन यह रचना कहीं नहीं मिली।
भारतीय पौराणिक कथाएं

भारतीय पौराणिक कथाएं

डॉक्टर देवदत्त पट्टनायक भारतीय पुराणों, उपनिषदों पर लगातार काम करते रहे हैं। जल्द ही उनकी दो नई पुस्तकें इसी विधा पर आने वाली हैं। अपनी पुस्तक में वह उन कथाओं को समेटते हैं, जो अब लोगों के मस्तिष्क से मिट गई हैं। मिथक और पौराणिक कहानियों के बीच वह संतुलन बनाते हुए कालातीत हुए किस्से लिखना उनकी खूबी है। उनकी पुस्तक भारतीय पौराणिक कथाएं के अध्याय 3 – पुराकथा-निर्माण : पुराकथाओं का रूपान्तरण के अंश।
समाज का चितेरा

समाज का चितेरा

सामाजिक ताना-बाना समझना किसी के लिए भी आसान नहीं है। इस जटिलता को भी असगर वजाहत ने बहुत अच्छी तरह न सिर्फ समझा बल्कि उसे बयान करने का शिल्प भी कमाल का है। यह शब्द जाने-माने साहित्यकार सर्वेश्वर दयाल सक्सेना के हैं, जो उन्होंने असगर वजाहत की कहानियों को पढ़ने के बाद कहे थे।
अनुपस्थित है किसान

अनुपस्थित है किसान

एक कहानी एवं कविता संकलन के अलावा आलोचनात्मक निबंध भी प्रकाशित। हिंदी के साथ अंगिका बोली में भी कविता संग्रह। भागलपुर विश्वविद्यालय से रीडर पद से सेवानिवृत्त।
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