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दिल्ली संकट पर चुप्पी तोड़ें राष्ट्रपति

दिल्ली संकट पर चुप्पी तोड़ें राष्ट्रपति

देश के संवैधानिक प्रमुख की हैसियत से राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी राजधानी दिल्ली में गहराते संवैधानिक संकट को देखते हुए अब और निष्क्रियता और चुप्पी की आरामतलबी गवारा नहीं कर सकते। केंद्रीय गृह मंत्रालय की अधिसूचना और आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार के उसके खिलाफ विधान सभा का सत्र बुलाने के निर्णय से केंद्र और दिल्ली सरकार का टकराव अब उस कगार पर पहुंच गया है कि बिना न्यायपालिका या राष्ट्रपति जैसी उच्च संवैधानिक संस्थाओं की पंचायती के किसी परिपक्व संवैधानिक हल की उम्मीद नहीं।
गाड़ी चलाते वक्त 70 प्रतिशत लोगों में स्मार्टफोन इस्तेमाल की  प्रवृत्ति खतरनाक

गाड़ी चलाते वक्त 70 प्रतिशत लोगों में स्मार्टफोन इस्तेमाल की प्रवृत्ति खतरनाक

गाड़ी चलाते वक्त स्मार्टफोन के इस्तेमाल की प्रवृत्ति इन दिनों तेजी से बढ़ी है। इस प्रवृत्ति से न सिर्फ फोन इस्तेमाल करने वालों की जान को खतरा रहता है बल्कि दूसरे लोग भी बेवजह काल के ग्रास बन जाते हैं। गाड़ी चलाते वक्त स्मार्टफोन के इस्तेमाल से बचने के लिए चलाई गई मुहिम के तहत एक सर्वे से कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
बच्चों की खातिर नौकरी छोड़ देती हैं मां

बच्चों की खातिर नौकरी छोड़ देती हैं मां

मदर्स डे पर कराए गए एक सर्वेक्षण में खास बात सामने आई है। भारत के कई बड़े शहरों में एसोचैम द्वारा कराए गए सर्वे से यह बात निकल कर आई है कि बच्चे की किलकारी पर मां करिअर कुर्बान कर देती है। अच्छी पद, प्रतिष्ठा और पैसे वाली नौकरी भी उन्हें बच्चों की परवरिश और उसकी देखभाल के कर्तव्य से डिगा नहीं पाती है।
दस लाख के कारोबारियों को जीएसटी नहीं देना होगा

दस लाख के कारोबारियों को जीएसटी नहीं देना होगा

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून लागू हो जाता है तो सालभर में दस लाख रुपये तक का कारोबार करने वाले कारोबारियों को जीएसटी के लिए पंजीकरण या कर नहीं चुकाना पड़ेगा।
आईएसआईएस इराक और सीरिया के लिए बना खतरा : कार्टर

आईएसआईएस इराक और सीरिया के लिए बना खतरा : कार्टर

अमेरिकी रक्षामंत्री एश्टन कार्टर ने कहा है कि खूंखार आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट इराक और सीरिया दोनों के लिए लगातार खतरा बना हुआ है तथा अमेरिका दोनों देशों में अपने सहयोगियों की मदद से इससे लड़ रहा है।
शर्मः 25 फीसदी भारतीयों ने कबूला छूआछूत

शर्मः 25 फीसदी भारतीयों ने कबूला छूआछूत

अस्पृश्यता यानी छूआछूत उन्मूलन के 65 साल बाद भी हर चार भारतीयों में एक अपने घरों में किसी न किसी रूप में छूआछूत का पालन करता है। चौंकाने वाला यह तथ्य एक अखिल भारतीय सर्वेक्षण में सामने आया है जिसे यहां दलित बुद्धिजीवियों, लेखकों एवं विद्वानों की एक सम्मेलन में पेश किया गया।
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