Advertisement

Search Result : "stories about atal bihari vajpayee"

ये पांच दर्दनाक कहानियां बताती है कि स्कूल में कितने असुरक्षित हैं हमारे बच्चे

ये पांच दर्दनाक कहानियां बताती है कि स्कूल में कितने असुरक्षित हैं हमारे बच्चे

मां-बाप के द्वारा 'बच्चे का भविष्य' संवारने के उद्देश्य से उन्हें स्कूल भेजा जाना, फिर उस बच्चे का कभी न लौटकर आना या कुछ ऐसे घाव साथ लेकर आना जिससे उबरने में शायद जिंदगी बीत जाए। ऐसे मां-बाप पर क्‍या गुजरेगी?
ओबामा के जाली दस्तखत से लेकर नासा में साइंटिस्ट बनने तक, इन ''होनहारों'' के झूठ

ओबामा के जाली दस्तखत से लेकर नासा में साइंटिस्ट बनने तक, इन ''होनहारों'' के झूठ

चंडीगढ़ के सरकारी स्कूल से 12वीं के छात्र हर्षित शर्मा को गूगल में नौकरी मिलने का झूठा दावा पहला नहीं है। पहले भी ऐसे मामले आ चुके हैं और इससे भारत की विश्वसनीयता को वैश्विक स्तर पर झटका लगता है।
आईसीएसएसआर प्रमुख को लगता है पाठ्य पुस्तकें जेएनयू जैसे एक्टिविस्ट बना रहीं

आईसीएसएसआर प्रमुख को लगता है पाठ्य पुस्तकें जेएनयू जैसे एक्टिविस्ट बना रहीं

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘असहिष्णुता के सबसे बड़े पीड़ित’ कहने वाले बृज बिहारी कुमार तो याद ही होंगे। इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च (आईएसएसआर) के मुखिया बृज बिहारी कुमार का कहना है कि अब पाठ्य पुस्तकें शिक्षा देने के बजाय जेएनयू जैसे एक्टिविस्ट बनाने के लिए लिखी जा रही हैं।
कालजयी संगीतकार बना ‘पंचम’ सुर में रोने वाला यह बालक

कालजयी संगीतकार बना ‘पंचम’ सुर में रोने वाला यह बालक

रिमझिम गिरे सावन,मेरे नैना सावन भादों, ओ मेरे दिल के चैन, करवटें बदलते रहे, तुझसे नाराज नही जिंदगी, तुम आ गए हो नूर आ गया है या यम्मा-यम्मा या जय-जय - शिवशंकर जैसे थिरकने वाले गीत, पर शायद ही कभी जानने की कोशिश की हो, कि आखिर कौन था वो चितेरा जिसने ऐसा कालजयी संगीत दिया।
‘इमरजेंसी’ पर बोले पीएम, ’25 जून की उस रात को कोई लोकतंत्र प्रेमी भुला नहीं सकता’

‘इमरजेंसी’ पर बोले पीएम, ’25 जून की उस रात को कोई लोकतंत्र प्रेमी भुला नहीं सकता’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में इमरजेंसी के दौर को याद किया। उन्होंने कहा कि उस रात को कोई लोकतंत्र प्रेमी नहीं भुला सकता।
Advertisement
Advertisement
Advertisement