भारत सहित दुनिया भर में एक बार फिर से साइबर हमला हुआ है। इसका शिकार भारत के मुंबई स्थित कंटेनर पोर्ट जवाहर लाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (JNPT) समेत दुनिया की 20 बड़ी कंपनियां हुई हैं।
केंद्रीय राजस्व हंसमुख अधिया ने कहा कि देश की लगभग 8-9 लाख पंजीकृत कंपनियां सालाना रिटर्न नहीं भरती, जिसके कारण ये कंपनियां मनी लॉन्ड्रिंग में लिप्त हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि पीएमओ ने जो टास्क फोर्स बनाया है वह हर 15 दिन में इन कंपनियों की निगरानी कर रहा है।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस जियो से अपनी 303 रुपये के न्यूनतम भुगतान के जरिये असीमित डाटा इस्तेमाल और मुफ्त कॉल की पेशकश को वापस लेने का निर्देश्ा दिया है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आज से कालेधन के खिलाफ एक देश व्यापक ऑपरेशन छेड़ दिया है। ईडी ने देशभर में एक साथ 300 फर्जी कंपनियों के खिलाफ छापेमारी की कार्रवाई शुरू कर दी है। ईडी ने 300 फर्जी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई के तहत 100 स्थानों पर छापे मारे। ये वे कंपनियां हैं जिन्होंने नोटबंदी के दौरान बड़े पैमाने पर कालेधन को खपत किया था।
सरकार ने आईटी विशेष आर्थिक क्षेत्र :सेज: स्थापित करने के लिये ओरैकल इंडिया तथा एल एंड टी कंस्टक्शन इक्विपमेंट समेत पांच प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है।
उथल पुथल के इस दौर में लगता है राजनीति की तरह बाजार में भी महागठबंधन का युग आ गया है। जिस तरह करिश्माई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शिकस्त देने के लिए बाकी पार्टिया आपसी दुश्मनी को तिलांजलि देकर गठबंधन करने को मजबूर हो रही हैं, उसी तरह भारतीय टेलीकॉम उद्योग बाजार में मुंकेश अंबानी के जियो के लगातार बढ़ते प्रभाव को टक्कर देने के लिए दो टेलीकॉम दिग्गजों वोडाफोन और आदित्य बिड़ला ग्रुप के आइडिया सेल्युलर ने महागठबंधन का सहारा लिया है। मजे की बात है अब तक जिनके खिलाफ गठबंधन को आजमाने की कोशिशें शुरु हुई हैं वे दोनों, मोदी और मुकेश अंबानी, गुजरात के हैं।
दूरसंचार विवाद निपटान एवं अपीलीय न्यायाधिकरण टीडीसैट ने रिलायंस जियो की शुरूआती मुफ्त पेशकश फ्री ऑफर पर रोक नहीं लगाई। लेकिन उसने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ट्राई से रिलायंस को मुफ्त पेशकश जारी रखने की अनुमति से संबंधित मुद्दे का पुन: परीक्षण करने को कहा है।
साधारण बीमा कंपनियां अपने कारोबार के कई क्षेत्रों में बीमा प्रीमियम की दरें 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ाने की योजना बना रही हैं ताकि उनका कारोबार लाभदायक बना रहे। बीमा कंपनियों ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि लगातार बढ़ते घाटे और ब्याज दरों में गिरावट जैसे कारणों से कुछ खंडों में ब्याज दरें घटने से कंपनियों की निवेश आय भी प्रभावित हो रही है।