अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा कि एक जुलाई से लागू होने वाले महत्वाकांक्षी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से भारत की मध्यावधि वृद्धि को आठ फीसदी से ज्यादा का आंकड़ा पार करने में मदद मिलेगी। आईएमएफ ने कहा कि साथ ही कर प्रणाली में किए जा रहे इस सुधार के भविष्य में उच्च वृद्धि के लिहाज से फायदेमंद साबित होने की उम्मीद है।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस जियो से अपनी 303 रुपये के न्यूनतम भुगतान के जरिये असीमित डाटा इस्तेमाल और मुफ्त कॉल की पेशकश को वापस लेने का निर्देश्ा दिया है।
देश के सेवा क्षेत्र में मार्च में लगातार दूसरे महीने वृद्धि दर्ज की गई। अर्थव्यवस्था में गतिविधियां बढ़ने और नये आर्डर मिलने के साथ साथ मुद्रास्फीति दबाव कम रहने से यह वृद्धि दर्ज की गई। एक मासिक सर्वेक्षण में यह परिणाम जारी किया गया है। इससे पहले पीएमआई के विनिर्माण क्षेत्र के सूचकांक में भी अच्छी वृद्धि दर्ज की गई।
नोटबंदी का प्रभाव अब कमजोर पड़ रहा है और वृद्धि के नोटबंदी से पूर्व की अवस्था में आने की संभावना है लेकिन अर्थव्यवस्था की साफ तस्वीर जून के अंत तक ही उपलब्ध होगी। स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ग्लोबल रेटिंग्स ने शुक्रवार को यह बात कही।
उथल पुथल के इस दौर में लगता है राजनीति की तरह बाजार में भी महागठबंधन का युग आ गया है। जिस तरह करिश्माई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शिकस्त देने के लिए बाकी पार्टिया आपसी दुश्मनी को तिलांजलि देकर गठबंधन करने को मजबूर हो रही हैं, उसी तरह भारतीय टेलीकॉम उद्योग बाजार में मुंकेश अंबानी के जियो के लगातार बढ़ते प्रभाव को टक्कर देने के लिए दो टेलीकॉम दिग्गजों वोडाफोन और आदित्य बिड़ला ग्रुप के आइडिया सेल्युलर ने महागठबंधन का सहारा लिया है। मजे की बात है अब तक जिनके खिलाफ गठबंधन को आजमाने की कोशिशें शुरु हुई हैं वे दोनों, मोदी और मुकेश अंबानी, गुजरात के हैं।
दूरसंचार विवाद निपटान एवं अपीलीय न्यायाधिकरण टीडीसैट ने रिलायंस जियो की शुरूआती मुफ्त पेशकश फ्री ऑफर पर रोक नहीं लगाई। लेकिन उसने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ट्राई से रिलायंस को मुफ्त पेशकश जारी रखने की अनुमति से संबंधित मुद्दे का पुन: परीक्षण करने को कहा है।
वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने मंगलवार को कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में 7.1 प्रतिशत की दर से वृद्धि करेगी जबकि अगले दो वित्त वर्ष में यह बढ़कर 7.7 प्रतिशत तक रहेगी।
रिजर्व बैंक ने मुद्रस्फीति का जोखिम बढ़ने का खतरा देखते हुए लगातार दूसरी बार द्वैमासिक समीक्षा में अपनी मुख्य नीतिगत ब्याज दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 6.25 प्रतिशत पर यथावत रखा।
नोटबंदी से बने गतिरोध की वजह से भारत की सकल घरेलू उत्पाद :जीडीपी: वृद्धि अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में करीब 6 प्रतिशत रह सकती है जबकि जनवरी-मार्च तिमाही में यह और धीमी पड़कर 5.7 प्रतिशत रह सकती है। नोमुरा की रिपोर्ट में यह अनुमान व्यक्त किया गया है।