देश में उन्मादी भीड़ ने हिंसा की कई काली रेखाएं खींच दी है। पहले उन्मादी भीड़ ने एक युवक को मौत के हवाले कर दिया। उस दौरान किसी के हाथ मदद के लिए आगे नहीं बढ़े। अब विडबंना है कि कोई गवाह भी सामने नहीं आ रहा है।
तीन साल पूरे होने का जश्न मना रही मोदी सरकार के रिपोर्ट कार्ड पर बेरोजगारी ने बड़ा दाग लगा दिया है। देश में नए रोजगार पैदा होने की दर आठ साल के न्यूनतम स्तर पर आ गई है। आठ प्रमुख औद्याेेगिक क्षेत्रों में नौकरियों का बुरा हाल है, जिनमें पिछले साल केवल 1.1 फीसदी नौकरियां बढ़ी हैैं।