एक ओर जहां किसान कृषि उत्पादों का उचित दाम नहीं मिल पाने की चिंताएं व्यक्त कर रहे हैं, वहीं अब इसकी बानगी आंकड़ों में भी दिखाई देने लगीं हैं। मई माह में महंगाई दर 3.85 फीसदी के मुकाबले घटकर 2.17 फीसदी हो गई है। इस दौरान खाद्य एवं कृषि उत्पादों की महंगाई दर में भारी कमी दर्ज की गई है।
हर फिक्र को धुएं में उड़ाने वाले जानते हैं कि धूम्रपान खतरनाक होता है, समस्याओं को हथेली पर तंबाकू के साथ रगड़ने वाले जानते हैं कि इसके सेवन से कष्टप्रद मौत मिलती है। फिर भी इसे तंबाकू सेवन करने वालों की कमी नहीं है। मई की 31 तारीख विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाई जाती है। जागरूकता की हर कोशिश के बाद भी हर दिन धूम्रपान या अन्य तंबाकू उत्पाद के प्रयोग के कारण हर दिन तीस हजार से ज्यादा लोग दम तोड़ देते हैं।
गुजरात के अहमदाबाद में भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के सहयोग से लगी आयुर्वेद और प्राकृतिक उत्पाद प्रदर्शनी में राजनैतिक स्वास्थ्य की भी झलक देखने को मिल रही है। ऐन प्रवेश द्वार पर लगे पोस्टर में भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) का चेहरा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ लगा हुआ है। इससे संकेत मिल रहे हैं कि शायद दोनों के बीच की बर्फ पिघल रही है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है कि उनके मंत्रालय ने तंबाकू क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को पूरी तरह प्रतिबंधित करने के एक प्रस्ताव को मंत्रिमंडल के पास विचारार्थ भेजा है।
भारत द्वारा पेरिस जलवायु संधि पर दस्तखत के चंद दिनों बाद शुक्रवार को केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था में पर्यावरण की लिहाज से प्रतिकूल उत्पादों पर अन्य उत्पादों के मुकाबले अलग तरह का कर लगाया जाएगा। ऐसा कर जलवायु परिवर्तन से बचाव आदि से जुड़े कामों के लिए अधिक कोष जुटाया जाएगा।
राज्यों को इस साल केंद्र से राजस्व में हिस्सेदारी के तहत जबरदस्त उछाल आने की उम्मीद है क्योंकि इस बार उन्हें पेटोलियम उत्पादों पर उत्पाद शुल्क के हिस्से के तहत 24,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त मिलेंगे।
मैगी विवाद से उबरने के बाद नेस्ले इंडिया ने अपने उत्पादों को लेकर आक्रामक रख अपनाया है। उसकी योजना विभिन्न श्रेणियों में 25 उत्पाद पेश करने की ताकि पतंजलि जैसी नयी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों से मिल रही चुनौती से निपटा जा सके। कंपनी का दावा है कि इंस्टेंट नूडल्स बाजार में उसकी हिस्सेदारी 55.5 प्रतिशत है।
विदेशी रक्षा कंपनियां अब सशस्त्र सेनाओं तथा सरकार को अपने उत्पादों के विपणन के लिए एजेंट नियुक्त कर सकती हैं। हालांकि इसके लिए निगरानी के कड़े प्रावधानों का प्रस्ताव किया गया है जिनमें कंपनी को अपने खातों को जांच के लिए सरकार को उपलब्ध कराना होगा।