सीबीआई द्वारा 2004 में दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर ईडी ने इसकी जांच शुरू की थी। प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत की गई जांच में पता चला कि प्रसाद ने जगनमोहन रेड्डी को अलग-अलग कंपनियों में निवेश के रूप में 779.50 करोड़ रुपए की रिश्वत दी।
मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के बेटे नारा लोकेश, पाला बदलकर वाईएसआरसी से तेदेपा में शामिल हुए चार विधायकों और छह अन्य रविवार को आंध्र प्रदेश मंत्रिमंडल में शामिल किये गये जबकि पांच मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।