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तिब्बत जरूर स्वतंत्र होगा – लोबसांग सांगे

तिब्बत जरूर स्वतंत्र होगा – लोबसांग सांगे

‘शक्तिशाली चीनी ताकत से तिब्बत अपने अहिंसात्मक संघर्ष के जरिए उसी तरह स्वतंत्र होकर रहेगा जैसे भारत, दक्षिण अफ्रीका आदि ब्रिटिश साम्राज्य से स्वतंत्र हो गए।’ यह बात तिब्बत की निर्वासित सरकार के प्रधानमंत्री डॉ. लोबसांग सांगे ने आचार्य कृपलानी मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा आयोजित ‘आचार्य कृपलानी स्मृति व्याख्यान’ में कही।
कपड़े पर कुरान, होगी पुस्तक मेले की शान

कपड़े पर कुरान, होगी पुस्तक मेले की शान

भारत भर के तमाम पाठक, लेखक, प्रकाशक और पुस्तक मेले के प्रशंसक हर बरस मेले की बाट जोहते हैं। इस साल यह मेला हर साल की तरह प्रगति मैदान में 9 से 17 जनवरी 2016 को होगा।
तीस्‍ता और पति की संस्‍थाओं में ऑडिट की गड़बड़ी: पुलिस

तीस्‍ता और पति की संस्‍थाओं में ऑडिट की गड़बड़ी: पुलिस

गुजरात पुलिस ने ट्रस्ट के धन के कथित गबन के मामले में सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड की अग्रिम जमानत का विरोध करते हुए उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दायर कर कहा है कि उन्होंने और उनके पति ने कल्याण कार्यों के लिए मिले धन का गबन शराब और विलासिता जैसे अपने निजी खर्चों के लिए किया और साक्ष्यों से छेड़छाड़ की कोशिश की।
सैनिकों को दे न दे, जजों को वन रैंक वन पेंशन देगी सरकार

सैनिकों को दे न दे, जजों को वन रैंक वन पेंशन देगी सरकार

देश के सैनिकों की दशकों से उठ रही वन रैंक वन पेंशन की मांग को पूरा करने में हीला हवाली कर रही केंद्र सरकार देश के उच्च न्यायालयों के जजों को वन रैंक वन पेंशन देने की तैयारी कर चुकी है।
तीन पूर्व जजों और प्रभु चावला ने की ललित मोदी की मदद

तीन पूर्व जजों और प्रभु चावला ने की ललित मोदी की मदद

नए-नए खुलासे कर अपने साथ कई लोगों को लपेटने वाले ललित मोदी के मददगारों की सूची लंबी होती जा रही है। विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज और राजस्‍थान की मुख्‍यमंत्री वसुंधरा राजे के बाद अब सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जजों पर भी लंदन में मोदी को मदद पहुंचाने के आरोप लगे हैं।
विवादित कॉलेजियम एवं न्यायिक नियुक्ति आयोग पर राष्ट्रपति हस्तक्षेप करेंः बार एसो

विवादित कॉलेजियम एवं न्यायिक नियुक्ति आयोग पर राष्ट्रपति हस्तक्षेप करेंः बार एसो

अखिल भारतीय बार संघ (एआईबीए) ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से शिकायत की है कि विभिन्न उच्च न्यायालयों में कम से कम 125 जजों की नियुक्ति प्रक्रिया में देरी पूर्ववर्ती कॉलेजियम प्रणाली खत्म करने से उत्पन्न हुई संवैधानिक शून्यता के कारण हो रही है। इसके अलावा राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) के गठन में भी देर की जा रही है।
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