केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने साफ कहा है कि गोहत्या के ज्वलंत मसले पर देश के सभी राज्यों को विश्वास में लिए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि मुस्लिम शासकों के स्वर्ण युग मुगल शासनकाल में भी गायों की रक्षा की जाती थी। गोहत्या और बीफ तो वैदिक काल से प्रतिबंधित है।
कुछ संगठनों द्वारा अंग्रेजी भाषा को पढ़ाई से हटाने की सिफारिश किए जाने पर एक प्रमुख मुस्लिम थिंकटैंक ने आज कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में किसी भाषा को थोपना उचित नहीं रहेगा और अंग्रेजी आधुनिक दौर में विकास की एक प्रमुख धुरी है जिससे आज की पीढ़ी को उपेक्षित नहीं रखा जा सकता।
पूर्व कैबिनेट सचिव टीएसआर सुब्रमण्यम शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) से प्रभावित नहीं हैं और उन्होंने कहा कि भारत ने आरटीई के बाद शिक्षा के स्तर में 25 प्रतिशत की गिरावट देखी है। सुब्रमण्यम ने कहा, आरटीई ने कई अच्छी चीजें की हैं लेकिन अब भी खामियां हैं। पहली खामी है गुणवत्ता। आरटीई मूलभूत सुविधाओं की गुणवत्ता की बात करता है लेकिन इस पर बहुत ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।
मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने अपने ही आंकड़ों से अपने लिए बवाल खड़ा कर दिया। मामला पोषाहार बजट का है। सरकार ने बजट ज्यादा दिखाने के लिए आंकड़ों में एक करोड़ से भी ज्यादा बच्चों को पोषाहार बांटने का दावा किया है। लेकिन यह आंकड़ा खुद सरकार के लिए ही मुसीबत खड़ी करने वाला है।
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पाकिस्तान को दी गयी सलाह पर तंज कसते हुए कहा है कि पाकिस्तान के बारे में की गयी बयानबाजी ‘दूसरों को नसीहत, खुद की फजीहत’ की कहावत को चरितार्थ करती है।
वैश्विक उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भारत ने अपनी स्थिति में सुधार किया है और विश्व के शीर्ष विश्वविद्यालयों की सूची में भारत के रिकॉर्ड 31 शैक्षणिक संस्थानों ने अपना स्थान बनाया है। इसमें शीर्ष पर ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय है।
अल्पसंख्यक युवाओं की शिक्षा और कौशल विकास की दिशा में समग्र पहल नई मंजिल योजना को शुरू हुए एक वर्ष से अधिक समय गुजर गया है लेकिन चालू वित्त वर्ष में वित्तीय आवंटन किए जाने के बावजूद अब तक कोई धनराशि जारी नहीं की गई है।
मध्य प्रदेश में विकास की बयार बहाने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इस रिपोर्ट से झटका मिल सकता है। प्रदेश सरकार सूबे में सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का स्तर बेहतर करने की लगातार कोशिश कर रही है। ऐसे में एनसीईआरटी की रिपोर्ट के बाद मध्य प्रदेश सरकार के लिए परेशानी और बढ़ सकती है।