Advertisement

Search Result : "violent clash"

हरियाणा-पंजाब में भारी हिंसा के बीच डेरा सच्चा सौदा ने कहा-

हरियाणा-पंजाब में भारी हिंसा के बीच डेरा सच्चा सौदा ने कहा- "हमारे साथ अन्याय हुआ"

डेरा सच्चा सौदा के प्रवक्ता दिलावर इंसा ने कहा कि हमारे साथ अन्याय हुआ है, हम इसकी अपील करेंगे। हमारे साथ वही हुआ जो इतिहास में गुरुओं के साथ हुआ। डेरा सच्चा सौदा मानवता भलाई के लिए है, सभी शांति बनाए रखें।
राम रहीम केस: दिल्ली तक पहुंची हिंसा, डेरा समर्थकों ने लगाई ट्रेन-बस में आग

राम रहीम केस: दिल्ली तक पहुंची हिंसा, डेरा समर्थकों ने लगाई ट्रेन-बस में आग

राम रहीम के समर्थकों ने आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर खड़ी रीवा एक्सप्रेस के दो डिब्बो को आग के हवाले कर दिया है। वहीं दिल्ली से सटे गाजियाबाद के लोनी इलाके में एक बस में आग लगाने की खबर है।
शिमला के बाद चंबा में भी रेप, भीड़ के हिंसक प्रदर्शन से 15 घायल

शिमला के बाद चंबा में भी रेप, भीड़ के हिंसक प्रदर्शन से 15 घायल

हिमाचल प्रदेश में शिमला के बाद चंबा में भी अनाचार की घटना सामने आई है। ताजा मामला चंबा के तीसा में सरकारी स्कूल का है,जहां शिक्षक ने कथित तौर पर छात्रा से रेप किया। घटना के बाद गुस्साए स्थानीय लोगों के हिंसक प्रदर्शन से इलाके का माहौल तनावग्रस्त बना हुआ है।
पश्चिम बंगाल के बशीरहाट में फिर तनाव, BJP-TMC समर्थक भी आपस में भिड़े

पश्चिम बंगाल के बशीरहाट में फिर तनाव, BJP-TMC समर्थक भी आपस में भिड़े

पश्चिम बंगाल के उत्तरी 24 परगना जिले के बशीरहाट में हालात तनावपूर्ण हैं। वहीं भाजपा और ममता बनर्जी के समर्थक भी आपस में भिड़ गए। बता दें कि इस हिंसा के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच टकराव भी जारी है।
आनंदपाल एनकाउंटरः नहीं हो सका अंतिम संस्कार, सीबीआई जांच को लेकर हिंसक प्रदर्शन

आनंदपाल एनकाउंटरः नहीं हो सका अंतिम संस्कार, सीबीआई जांच को लेकर हिंसक प्रदर्शन

आनंदपाल एनकाउंटर मामले में शव के अंतिम संस्कार को लेकर सप्ताह भर से उठापटक चालू है। उनके परिवार वाले आनंदपाल एनकाउंटर की जांच सीबीआई से कराने और दोबारा एम्स के डॉक्टरों से पोस्टमार्टम कराने की मांग कर रहे हैं।
क्या हिंसक भीड़ का कोई धर्म होता है?

क्या हिंसक भीड़ का कोई धर्म होता है?

'आवारा भीड़ के खतरे' नामक शीर्षक के अपने निबंध में हिन्दी साहित्य जगत के मूर्धन्य निबंधकार हरिशंकर परसाई जी लिखते हैं, "दिशाहीन, बेकार, हताश, नकार वादी और विध्वंस वादी युवकों की यह भीड़ खतरनाक होती। इसका उपयोग खतरनाक विचारधारा वाले व्यक्ति या समूह कर सकते हैं। इसी भीड़ का उपयोग नेपोलियन, हिटलर और मुसोलिनी जैसे लोगों ने किया था।"
Advertisement
Advertisement
Advertisement