सूचना के अधिकार के तहत मिला नरेंद्र मोदी की सिर्फ दो यात्राओं का आंशिक ब्यौरा। सेशल्स में 1,26,61,928 रुपये (एक करोड़, छब्बीस लाख, 61 हजार 9सौ अठाइस रुपये) और मॉरिशस में 13,792,690 (1करोड़, 37 लाख, 92 हजार, छह सौ नब्बे रुपये खर्च हुए और यह आंशिक खर्च है। आखिर क्यों नहीं दे रहा पीएमओ पूरा ब्यौरा?
चार दशक से अधिक समय तक इंतजार के बाद भारत और बांग्लादेश अपने ऐतिहासिक भूमि सीमा समझौते का क्रियान्वयन होने के साथ कल से 162 एन्क्लेवों का आदान-प्रदान शुरू करेंगे।
किसी भी दृष्टि से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया चीन यात्रा सफल कही जाएगी। इसमें भारतीय इनफ्रॉस्टक्चर क्षेत्र में 10 अरब डॉलर के चीनी निवेश 22 अरब डॉलर के व्यापार समझौतों सहित कई समझौते किए गए।
प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं पर आए खर्च से जुड़ी जानकारी उजागर नहीं किए जाने के बावजूद केंद्रीय सूचना आयोग द्वारा गठित समिति ने सभी मंत्रालयों को इस तरह की जानकारियां उजागर करने और सक्रिय रुप से अपडेट करने निर्देश दिए हैं।
क्या बिना मीट परोसे आप किसी को सिर्फ मीट मसाला खिला सकते हैं? कूटनीतिक और राजनयिक समाचार कथाओं के संदर्भ में भारतीय मीडिया अक्सर यही करता है। वह मसाला चखाने के चक्कर में मीट परोसना भूल जाता है। विदेश नीति और राजनय से संबंधित घटनाक्रम अक्सर आम जनजीवन से इतने दूर और ओट में होते हैं कि आम दर्शक अमूमन मसाले को ही मीट समझने की भूल कर बैठता है। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा की राजनयिक कथा में मंगोलिया दौरे की उपकथा की अहमियत भारतीय मीडिया की नजरों से ओझल रही और यह अहम उपकथा आम भारतीय दर्शक या पाठक की प्लेट में परोसी ही नहीं गई।
चीन और दक्षिण कोरिया में दिए नरेंद्र मोदी के उस बयान की तीखी आलोचना हो रही है जिसमें उन्होंने कहा था कि पहले लोगों को भारत में पैदा होने पर शर्मिंदगी होती थी लेकिन अब गर्व है।
मोदी ने लुक ईस्ट नीति पर पिछली सरकारों की खिंचाई करते हुए कहा कि हम ने पूरब की ओर बहुत देख लिया, अब इस पर काम करने का समय है। गौरतलब है कि 'लुक ईस्ट' नीति को वाजपेयी सरकार ने प्रमुखता से आगे बढ़ाया था।
चीन दौरे के बाद शनिवार को मंगोलिया पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों देशों के बीच कई अहम समझौतों का ऐलान किया है। इसके तरह भारत की ओर से मंगोलिया को 100 करोड़ डॉलर (करीब 6300 करोड़ रुपए) का ऋण दिया जाएगा। रविवार को मोदी ने मंगोलिया की संसद को भी संबोधित किया।