उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में हिंसक घटनाओं के मद्देनजर पूरे शहर में धारा 144 लागू कर दिया गया है। मोबाइल इंटरनेट, मैसेजिंग और सोशल मीडिया पर रोक लगाने के आदेश दे दिए हैं। असामाजिक तत्वों द्वारा अफवाहों और भ्रामक सूचनाओं के प्रसार को रोकने के लिए यह निर्णय लिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने मोबाइल मैसेजिंग एप व्हाट्सएप, हाइक, स्नैपचैट और अन्य दूसरे ऐसे एप्स पर प्रतिबंध की मांग करने वाली याचिका को बुधवार को खारिज कर दिया है।
देश की शीर्ष अदालत आगामी 29 जून को एक याचिका के आधार पर मैसेजिंग प्लेटफार्म व्हाटसएप पर प्रतिबंध लगाने की मांग पर सुनवाई करेगा। याचिका में व्हाटसएप की इंड टू इंड एन्क्रिप्शन को देश के लिए खतरनाक बताया गया है। याचिका में कहा गया है कि इंड टू इंड एन्क्रिप्शन सर्विस आतंकवादियों को एक ऐसा कम्युनिकेशन टूल देती है, जिसको रोकना असंभव है।
अंबाला छावनी रेलवे स्टेशन पर उस वक्त अफरा तफरी का माहौल बन गया जब फोन पर बम होने की सूचना आई। सूचना मिलते ही सुरक्षा एजेंसियां तुरंत सतर्क हो गईं। हालांकि बाद में यह सूचना गलत साबित हुई।
सोशल नेटवर्किंग एप्लीकेशन व्हॉट्सएप के जरिये पैगम्बर साहब के प्रति कथित तौर पर आपत्तिजनक सामग्री वाला संदेश प्रसारित किए जाने से उत्तर प्रदेश के बरेली में तनाव फैल गया है। मामले की छानबीन के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी एक निजी स्कूल के उप प्रधानाचार्य पद पर कार्यरत था।
मिस्र, लीबिया, ट्यूनिशिया जैसे देशों में कई दशकों से जमे तानाशाहों को जनता के विद्रोह ने सत्ता से हटने पर मजबूर कर दिया और जनता के बीच संवाद पैदा करने में मुख्य भूमिका फेसबुक और ट्वीटर जैसी वेबसाइटों ने निभाई। सोशल मीडिया ने दुनिया के कई देशों में दशकों से जमी हुई सत्ता को इतनी सुगमता से उखाड़ फेंका है कि इससे डर कर कई देशों ने अपने यहां इंटरनेट पर कड़ी सेंसरशिप लागू कर दी है।