केरल के माकपा नीत एलडीएफ सरकार के मंत्रिपरिषद में फेरबदल होने जा रहा है। मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन जल्द ही अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल की घोषणा कर सकते हैं।
देश में 1000 और 500 रुपये के नोटों को अमान्य करने के मोदी सरकार के निर्णय के मुद्दे पर आज लोकसभा में विपक्षी सदस्यों ने मतदान के प्रावधान वाले नियम के तहत चर्चा कराए जाने को लेकर भारी हंगामा किया जिसे अध्यक्ष ने अनुमति नहीं दी। हालांकि सरकार इस बात पर कायम रही कि वह नियम 193 के तहत इस मुद्दे पर चर्चा को तैयार है। विपक्ष के हंगामे कारण सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद आज दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद प्रणब मुखर्जी का नया आशियाना दिवंगत पूर्व लोकसभा स्पीकर पी ए संगमा को आवंटित बंगला हो सकता है। शहरी विकास मंत्रालय ने उस बंगले में रह रहे संगमा के बेटे और लोकसभा सासंद कॉनराड से उसे छोड़ने का अनुरोध किया है। राष्ट्रपति मुखर्जी का कार्यकाल अगले साल जुलाई में समाप्त हो रहा है।
दलितों पर हमले के मुद्दे की गर्माहट सोमवार को लोकसभा में महसूस की गई। कांग्रेस सदस्यों ने प्रधानमंत्री से सदन में बयान देने की मांग करते हुए न केवल अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी की बल्कि बाद में वे सदन से वाकआउट भी कर गए। कांग्रेस सदस्यों ने प्रधानमंत्री से मांग की कि भाषण देने की बजाय कार्रवाई करें।
अमेरिका के एक शीर्ष रिपब्लिकन नेता ने शरिया कानून में विश्वास रखने वाले मुसलमानों को अमेरिका से निष्कासित करने के अपने बयान पर यू टर्न लेते हुए कहा कि मीडिया ने उनका बयान तोड़-मरोड़ कर पेश किया।
दिल्ली विधानसभा में भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने शुक्रवार को सदन में विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया और मेज पर चढ़ गए। गुप्ता के इस कृत्य की काफी आलोचना हुई और विधानसभाध्यक्ष राम निवास गोयल ने इसे अत्यंत शर्मनाक करार दिया और कहा कि इससे सदन की बदनामी हुई है।
माकपा के पी. श्रीरामकृष्णन को शुक्रवार को 14 वीं केरल विधानसभा का अध्यक्ष चुना गया। पोन्नानी विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले श्रीरामकृष्णन (एलडीएफ) ने 140 सदस्यीय विधानसभा में 92 मत हासिल किये जबकि यूडीएफ के प्रत्याशी वी. पी. सजीन्द्रन को 46 मत मिले।
लोकसभा में कुछ सदस्यों के व्यवहार और उनके द्वारा लगातार आपत्तिजनक टिप्पणियां किए जाने पर स्पीकर सुमित्रा महाजन सोमवार को बेहद आहत दिखीं। नाराज स्पीकर ने कहा कि अब सदस्यों को बोलना सिखाने के लिए क्या उनकी क्लास लूं?
असहमति और अभिव्यक्ति पर हो रहे हमलों के दौर में अकादमिक जगत पर मंडरा रहे खतरों के साथ-साथ अर्थव्यवस्था की स्थिति पर अंतररार्ष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज ने की खुलकर बात