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जीएसटी : 20 लाख तक कारोबार करने वाली इकाइयों को छूट,  दर पर फैसला अक्तूबर में

जीएसटी : 20 लाख तक कारोबार करने वाली इकाइयों को छूट, दर पर फैसला अक्तूबर में

सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को अगले साल एक अप्रैल से लागू करने के लिये कमर कस ली है। जीएसटी परिषद ने इस दिशा में एक अहम् फैसला करते हुये 20 लाख रुपये तक का सालाना कारोबार करने वाली इकाइयों को जीएसटी से छूट देने का फैसला किया है। इसके साथ ही यह भी फैसला किया गया है कि सभी उपकर जीएसटी में समाहित हो जायेंगे।
रेल बजट बना इतिहास, अब आम बजट में ही होगा पेश

रेल बजट बना इतिहास, अब आम बजट में ही होगा पेश

कैबिनेट ने आम बजट में रेल बजट को मिलाने की मंजूरी दे दी है। इस तरह 92 साल से पेश हो रहा रेल बजट अब अलग से पेश नहीं किया जाएगा। रेल संबंधी वित्तीय योजनाएं और खर्चे आदि संबंधी मामले आम बजट से 1924 में अलग कर दिए गए थे। कैबिनेट की बैठक में आम बजट को पेश करने की तारीख में संशोधन को भी मंजूरी दी गई। बजट किस तारीख को पेश होगा, इसका फैसला विचार-विमर्श के बाद होगा।
मंत्रिमंडल ने जीएसटी परिषद के गठन को मंजूरी दी

मंत्रिमंडल ने जीएसटी परिषद के गठन को मंजूरी दी

मंत्रिमंडल ने वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) परिषद के गठन को आज मंजूरी दे दी। परिषद जीएसटी प्रणाली के लिये कर की दर तय करेगी। जीएसटी प्रणाली के एक अप्रैल 2017 से लागू होने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सरकार के आधिकारिक प्रवक्ता ने ट्विटर पर कहा कि जीएसटी परिषद में वित्त मंत्री अरुण जेटली, राजस्व प्रभार वाले वित्त राज्य मंत्री और राज्यों के वित्त मंत्री शामिल होंगे।
मध्य प्रदेश कांग्रेस में भी पीके की टीम, अरुण यादव से की मुलाकात

मध्य प्रदेश कांग्रेस में भी पीके की टीम, अरुण यादव से की मुलाकात

उत्‍तर प्रदेश की तरह मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बढ़त दिलाने के लिए प्रशांत किशोर की टीम अभी से सक्रिय हो गई है। रणनीति यह है कि प्रदेश को सात हिस्सों में विभाजित कर चुनिंदा विधानसभा सीटों पर फोकस किया जाए। यहां चुनाव 2018 में होने हैं। उत्तर प्रदेश चुनाव के मद्देनजर हुए सर्वे में मप्र की सीमावर्ती सीटों का भी सर्वे हुआ है। चुनाव के मद्देनजर संगठन में बदलाव किया जा रहा है। इसके लिए अरुण यादव फार्मूले के तहत स्थानीय नेताओं से सलाह मशविरा कर गुपचुप नियुक्तियां शुरू हो गई हैं।
सरकारी बैंकों के निजीकरण के लिए तैयार नहीं है देश : जेटली

सरकारी बैंकों के निजीकरण के लिए तैयार नहीं है देश : जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि देश सरकारी बैंकों के निजीकरण के लिए तैयार नहीं है और सरकार इन बैंकों को मजबूत बनाने के काम को सर्वाेच्च प्राथमिकता दे रही है। जेटली ने यह भी कहा कि आईडीबीआई बैंक को छोड़कर बाकी सरकारी बैंकों का सार्वजनिक स्वरूप बना रहेगा।
राज्यसभा सांसदों को मोदी का संदेश, गरीब, कमजोर वर्ग को पार्टी से जाेड़े

राज्यसभा सांसदों को मोदी का संदेश, गरीब, कमजोर वर्ग को पार्टी से जाेड़े

अपनी सरकार और संगठन के एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए भाजपा की महत्वपूर्ण आंतरिक बैठकों के दौर को समाप्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी के राज्यसभा सदस्यों से समाज के गरीब और वंचित वर्ग के लोगों को पार्टी से जोड़़ने की दिशा में काम करने को कहा।
मंत्रिमंडल के महत्वपूर्ण फैसले

मंत्रिमंडल के महत्वपूर्ण फैसले

बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। जिनमें एशियाई क्षेत्र के लिए 500 करोड़ रूपये के विकास कोष को मंजूरी के अलावा, केंद्रीय अंतर्देशीय जल निगम परिवहन निगम को भंग करने की मंजूरी शामिल है। इसके अलावा भारत, ब्रिटेन साइबर सुरक्षा वाचडाॅग ने सहयोग के लिए समझौते पर भी हस्ताक्षर किया गया। जो महत्वपूर्ण फैसले हैं वे इस प्रकार हैं।
आउटलुक विशेष- जीएसटी को लेकर ममता को मनाने में जुटे वित्त मंत्री

आउटलुक विशेष- जीएसटी को लेकर ममता को मनाने में जुटे वित्त मंत्री

गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) पर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के यू-टर्न से नॉर्थ ब्लॉक चिंता में है। विधानसभा का अल्पकालीन सत्र बुलाकर जीएसटी के संविधान संशोधन विधेयक पर मुहर लगाने की बात थी, लेकिन आखिरी मौके पर ममता बनर्जी ने समय के अभाव में इस पर चर्चा नहीं कराने का फैसला किया। अब इस मुद्दे को लेकर ममता बनर्जी को मनाने में जुट गए हैं केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली। श्री जेटली चाहते हैं कि ममता बनर्जी को जो गलतफहमियां हो गई हैं, उन्हें दूर कर लिया जाए। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, इसी कारण केंद्रीय वित्त सचिव अशोक लवासा को कोलकाता भेजने का फैसला किया गया है, जो वहां के वित्त मंत्री अमित मित्र और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात करेंगे और अफसरों के साथ बैठक कर जीएसटी की राह आसान करने की कोशिश करेंगे।
अखिलेश के मंत्रियों ने पॉकेट मनी में उड़ाए 8.78 करोड़, शिवपाल ने नहीं ली मनी

अखिलेश के मंत्रियों ने पॉकेट मनी में उड़ाए 8.78 करोड़, शिवपाल ने नहीं ली मनी

उत्‍तर प्रदेश में मंत्रियों का कोई जवाब नहीं। यहां की अखिलेश सरकार के मंत्रियों ने पॉकेट मनी के नाम पर 8.78 करोड़ रुपए उड़ा दिए हैं। चार साल के दौरान इसमे से सबसे ज्यादा खर्च अरुण कुमार कोरी और आजम खां ने किया है। एक तरफ जहां दोनों ने पॉकेट मनी के नाम पर सरकार के 22.93 लाख और 22.86 लाख खर्च किए वहीं सपा अध्‍यक्ष मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई यानी अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव ने पॉकेट मनी के नाम पर एक पैसा नहीं लिया।
भ्रामक विज्ञापन पर सेलिब्रिटी को भी होगी सजा

भ्रामक विज्ञापन पर सेलिब्रिटी को भी होगी सजा

अगर कोई सेलिब्रिटी भ्रामक विज्ञापन करता है और उससे आम लोगों का नुकसान होता है तो इस सेलिब्रिटी को सजा मिलेगी। केंद्र सरकार ने ऐसा ही मसौदा तैयार किया है जिसके तहत भ्रामक विज्ञापन करने वाली सेलिब्रिटी पर 50 लाख रूपये तक का जुर्माना और पांच साल तक की सजा हो सकती है। इस मसौदे को मंगलवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाले अंतर-मंत्रालय पैनल में विचार के लिए रखा जाएगा।
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