कुछ आर्थिक निर्णयों को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध स्वदेशी जागरण मंच ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मंच ने ई-कॉमर्स, खाद्य प्रसंस्करण और विपणन क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का विरोध करने का निर्णय किया है।
केंद्र सरकार सरकार ने दिवाली के ठीक एक दिन पहले आर्थिक सुधारों की दिशा में एक बड़ा एलान किया है। मंगलवार को सरकार ने 15 क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) सीमा बढ़ाने का निर्णय लिया है।
पिछले 14 वर्षों के दौरान भारत में हुए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के आंकड़े इन आरोपों को बल प्रदान करते हैं कि मॉरीशस के रास्ते भारत में काला धन सफेद करके वापस लाया जाता है। तभी तो देश में 2000 से 2014 के बीच कुल 238.63 अरब डॉलर के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में 35.38 प्रतिशत योगदान के साथ मॉरीशस सबसे आगे रहा है।
अमेरिका की एक शीर्ष कारोबारी संस्था ने भारत में बीमा कानून (संशोधन) विधेयक को मंजूरी मिलने की प्रशंसा करते हुए कहा है कि इस तरह के कानून से निवेश को बढ़ावा मिलेगा, रोजगार पैदा होंगे और वित्तीय स्थिरता आएगी।
सरकार रक्षा उपकरण निर्माण अभियान सफल रहा तो इस क्षेत्र का उत्पादन सात गुना बढ़कर वार्षिक 41 अरब डालर तक और इसका निर्यात करीब 17 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। यह बात एक रपट में कही गई।