नोटबंदी को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री विरोध और केंद्र सरकार और उनके मंत्रियों को घेरने का कोई मौका छोड़ना नहीं चाहते। लेकिन बिना तैयारी के जब वह इसमें कूद पड़ते हैं तो कभी-कभी उन्हें मुंह की खानी पड़ती है।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने नोटबंदी के मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए आज कहा कि केंद्रीय बैंक पुराने बड़े मूल्य के नोटों पर पाबंदी से उत्पन्न स्थिति की दैनिक आधार पर समीक्षा कर रहा और नागरिकों की वास्तविक तकलीफ को दूर करने के लिए हर जरूरी कदम उठा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कालेधन के खिलाफ अभियान के बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि बैंकों के लॉकरों के अंदर क्या रखा जाता है उसका रेकार्ड रखने का भी प्रयास होना चाहिए। बैंक लॉकर में कौन क्या रख रहा है अभी उसका कोई हिसाब किताब नहीं रखा जाता। ज्यादातर लोग लॉकरों का इस्तेमाल अपने गहने व दूसरे जरूरी सामान रखने के लिए करते हैं लेकिन यह सच है कि कई लोग अपनी नकदी भी बैंकों में महफूज कर लेते हैं।
मोदी सरकार द्वारा पांंच सौ और हज़ार रुपए के नोट को चलन से बाहर करने का सर्वाधिक असर उत्तर प्रदेश पर पड़ा है। प्रदेश में काम-धंधे लगभग बंद हैं और रबी की फ़सल की बुआई भी प्रभावित हुई है। स्कूल कॉलेजों में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति भी आधी रह गई है। जिसे देखो वही बैंकों की लाइन में लगा है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी फिर पंजाब लौट सकते हैं। कांग्रेस हाईकमान उन्हें विधानसभा चुनाव में पार्टी के बड़े हिंदू चेहरे के तौर उतारने की तैयारी में है। उन्हें लुधियाना की किसी एक सीट से टिकट मिल सकता है।
आंध्रप्रदेश सरकार आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लोगों को नकदीरहित लेनदेन करने में सक्षम बनाने के लिए सभी को मुफ्त में मोबाइल फोन देगी। वर्तमान नकदी संकट को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
कैबिनेट की बैठक में सरकार ने आज यह विचार किया कि नोटबंदी के बाद बैंक खातों में यदि बड़ी मात्रा में राशि जमा कराई गई हो तो उसपर किस दर से कर लगाया जाए और क्या इसके लिए कानून में संशोधन किया जाए।
पीएम नरेंद्र मोदी की नोटबंदी के बाद ग्रामीण लोगों के जीवन पर व्यापक असर पड़ा है। अक्टूबर 2014 में आदर्श ग्राम योजना के तहत देशभर के सांसदों ने जिन गांवों को गोद लेेकर विकास कराने का जिम्मा लिया वहां भी बैंकों का अभाव है। नतीजा नोटबंदी के बाद आदर्श गांवों के ग्रामीण्ा लोगों को बैंकों के लिए भटकना पड़ रहा है। आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि भाजपा सांसदों के गोद लिए गांवों में बैंक नहीं होने की वजह से ग्रामीण अपनी नकदी को लेकर खासे परेशान हैं।
नोटबंदी के कारण आम जनता ही नहीं केंद्रीय मंत्री भी इससे परेशान हैं। केंद्रीय सांख्यिकी मंत्री सदानंद गौड़ा को उस समय नोटबंदी का शिकार होना पड़ा है जब वे मंगलौर के अस्पताल में अपने भाई का शव लेने पहुंचे तो अस्पताल ने पुराने नोट लेने से इनकार कर दिया जिसके बाद वे काफी असहज महसूस करने लगे हालांकि अस्पताल को चेक के माध्यम से भुगतान करने के बाद वे अपने भाई के शव को ले जा सके।