रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने यूपीए के समय हुए 126 राफेल विमान के सौदे को अव्यावहारिक और खर्चीला करार दिया है। अब सरकार फ्रांस से सिर्फ 36 लड़ाकू विमान खरीदेगी।
दलितों पर अत्याचार का गढ़ बनते जा रहे नागौर जिले के डांगावास गांव में दबंगों की हिंसा के शिकार एक और व्यक्ति ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया है। गत 14 मई को जाट समुदाय के लोगों ने जमीन विवाद में तीन दलित कों ट्रैक्टर से कुचलकर मार डाला था, जबकि करीब दर्जन भर लोग बुरी तरह घायल हैं।
हरियाणा में जमीनों की खरीद-फरोख्त को लेकर अगर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा विवादों में हैं तो हिमाचल में जमीन खरीदकर घर बनाने को लेकर सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका गांधी विवादों में रहती हैं। स्थानीय स्तर पर भारतीय जनता पार्टी अक्सर यह मुद्दा उठाती रहती है। गौरतलब है कि शिमला के पास छराबड़ा में प्रियंका गांधी का दो मंजिला घर बन रहा है। जिसका काम तेजी से चल रहा है।
फ्रांस के रक्षा मंत्री की भारत यात्रा से पहले भारत ने कहा कि भारतीय वायु सेना के लिए राफेल लड़ाकू जेट विमान खरीदने के लिए बातचीत इसी महीने शुरू होगी। अरबों डॉलर के इस सौदे को जितना जल्दी संभव हो अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
केंद्र पर अपने हमले जारी रखते हुए असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि वह बांग्लादेश के साथ भूमि सीमा समझौते (एलबीए) के दायरे से असम को बाहर करने का प्रस्ताव कर राजनीतिक फायदे की खातिर दोहरा रवैया अपना रहे हैं।
मीडिया, खासकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया आज दिनभर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की 56 दिनों की छुट्टी के बाद दिल्ली वापसी की खबरों को लेकर जितना व्यग्र था उतना तो शायद कांग्रेस अध्यक्ष भी पार्टी के भविष्य को लेकर न रही होगी।
आखिरकार राहुल गांधी की घर वापसी हो गई। अब कल वह किसानों के बीच पार्टी की क्या दशा-दिशा तय करेंगे। इसकी तैयारी में कांग्रेस पार्टी का सारा नेतृत्व जुटा हुआ है। कई नेताओं ने बताया कि अब पार्टी में एक जान का संचार होगा और वह नई ऊर्जा के साथ किसानों के बीच भू-अधिग्रहण पर जाएगी।
हमारी मांग है कि जमीन ली जाए लेकिन कॉरपोरेट के लिए नहीं बल्कि किसानों के लिए। जमीन ली जाए ताकि किसान औरतों के पक्ष में जमीन का पुनर्वितरण हो। खेती नहीं रहेगी, देश के पास अनाज नहीं रहेगा तो मेक इन इंडिया के नारे का ढोल कैसे बजेगा और कौन बजाएगा। यह कहना था भारतीय महिला फेडरेशन की महासचिव एनी राजा का।