सुप्रीम कोर्ट ने अन्नाद्रमुक प्रमुख वीके शशिकला को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से रोकने की मांग करने वाली जनहित याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम ने आज बागी रुख अख्यिर कर लिया। उन्होंने कहा कि रविवार को मुझे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने को मजबूर किया गया। उन्होंने कहा कि जयललिता जब अस्पताल में थीं तो उन्होंने मुझे मुख्यमंत्री पद संभालने को कहा था।
वीके शशिकला के तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर आज अनिश्चितता रही क्योंकि राज्यपाल विद्यासागर राव ने चेन्नई आने की अपनी योजना टाल दी। इस बीच अन्नाद्रमुक और बागी नेताओं के बीच जे जयललिता की मृत्यु को लेकर आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गया।
जयललिता के निधन के बाद अन्नाद्रमुक की महासचिव का प्रभार संभालने के करीब एक महीने पश्चात वीके शशिकला को आज पार्टी विधायक दल का नेता चुन लिया गया जिससे उनके तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बनने का मार्ग प्रशस्त हो गया। इससे पहले मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की।
राजनीति में आने तथा नये राजनीतिक दल के गठन का संकेत देते हुए तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जे. जयललिता की भतीजी दीपा जयकुमार ने स्पष्ट किया कि वह अन्नाद्रमुक की महासचिव शशिकला को स्वीकार नहीं करेंगी।
तमिलानडु की दिवंगत मुख्यमंत्री दीपा जयकुमार ने राजनीति में विधिवत रूप से आ गई हैं। अपनी राजनैतिक महत्वाकांक्षा को जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि वह तमिलनाडु की राजनीति में आ गई हैं और 24 फरवरी को बड़ा धमाका करेंगी। धमाका करने के लिए जो दिन दीपा जयकुमार ने चुना है उस दिन जयललिता का जन्मदिन होता है।
मद्रास उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया जिसमें केंद्र सरकार को दिवंगत अन्नाद्रमुक नेता जे जयललिता को भारत रत्न देने का निर्देश देने की मांग की गई थी। अदालत ने कहा कि वह एेसे मामलों में दखल देना नहीं चाहती है।
सुप्रीम कोर्ट ने अन्नाद्रमुक की दिवंगत नेता जे जयललिता की मौत की सीबीआई जांच या शीर्ष न्यायालय के किसी न्यायाधीश द्वारा न्यायिक जांच की मांग को लेकर दायर याचिकाओं को आज खारिज कर दिया।
चिन्नम्मा वाझुगई के नारों के बीच वीके शशिकला ने आज अन्नाद्रमुक महासचिव का पदभार संभाला, जो पार्टी का शीर्ष पद है। उन्होंने जयललिता की विरासत को आगे ले जाने का संकल्प लेते हुए कहा कि उनकी राजनीतिक शिक्षाओं का वह वेदों की तरह पालन करेंगी।
तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता के निधन से जुड़ी परिस्थितियों पर मद्रास उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश के संशय प्रकट करने के एक दिन बाद द्रमुक ने उनके निधन की परिस्थितियों की उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश द्वारा जांच कराये जाने की आज मांग की।