हाजी अली दरगाह ट्रस्ट ने आज उच्चतम न्यायालय को बताया है कि पुरूषों की ही तरह महिलाओं को भी मुंबई स्थित हाजी अली दरगाह के मुख्य स्थान पर प्रवेश दिया जाएगा। इसके साथ ही ट्रस्ट ने जरूरी अवसंरचनात्मक बदलाव करने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा है।
जाट आरक्षण के मुखर विरोधी रहे भाजपा सांसद राजकुमार सैनी पर आज कुरुक्षेत्र में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान पांच युवकों ने स्याही फेंकी और उन्हें थप्पड़ मारा।
गुजरात विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की दावेदारी पेश करने की अटकलों के बीच पार्टी के संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज आंदोलनकारी पटेल समुदाय से गुजरात की राजनीति की सफाई करने के लिए समर्थन मांगा।
सीबीआई ने इस साल फरवरी में रोहतक में हुए जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा एवं आगजनी की घटनाओं की जांच के लिए आज तीन मामले दर्ज किए। इनमें हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु का घर जलाए जाने की घटना से संबंधित मामला भी शामिल है।
दलित नेता एवं उत्तर पश्चिम दिल्ली से भाजपा सांसद उदित राज ने निजी क्षेत्र और पदोन्नति में आरक्षण के लिए कानून बनाने की मांग करते हुए अनुसूचित जाति-जनजाति संगठनों के अखिल भारतीय परिसंघ की ओर से देशव्यापी आंदोलन चलाने और 28 नवंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में रैली करने का ऐलान किया।
तीन तलाक पर पाबंदी के लिए कानूनी प्रयास कर रहेे भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन की फाउंडर चेयरपर्सन जकिया सोमन ने कहा कि उनका संगठन जल्द ही भोपाल में भी औरतों की शरीयत अदालत शुरू करने जा रहा है। अभी ऐसी अदालतें देश में चार स्थानों पर हैं।
उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले शुरू हुई सियासी सरगर्मी के बीच अजित सिंह के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने आज सपा और भाजपा पर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के जरिये चुनावी फायदा उठाने की कोशिश करने का आरोप लगाया और कहा कि राज्य में भाईचारा खत्म करने का प्रयास इस बार सफल नहीं होगा।
एक साथ तीन तलाक के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय में केंद्र सरकार के सख्त रूख अपनाने की संभावना के बीच देश की कुछ प्रमुख मुस्लिम महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि सरकार देश की सबसे बड़ी अदालत में इस महिला विरोधी प्रथा का विरोध करे और इस पर रोक सुनिश्चित कराए।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव अपने बलबूते लड़ने का एलान कर चुके राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) अध्यक्ष अजित सिंह ने आज अपना रुख बदलते हुए डॉ. राम मनोहर लोहिया और चौधरी चरण सिंह की नीतियों में विश्वास रखने वाले दलों को आपसी मतभेद भुलाकर एक मंच पर आने का आग्रह किया।