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मोदी का नया धर्मग्रंथ

मोदी का नया धर्मग्रंथ

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद में बोलते हुए भूमि अधिग्रहण पर सरकार के रुख में बदलाव के संकेत दिये हैं। उन्होंने अपने भाषण में साम्प्रदायिकता पर भी चोट की और कहा कि देश का संविधान ही उनकी सरकार का धर्मग्रंथ है। वह साम्प्रदायिकता पर बोलते हुए कट्टर हिंदू नेता की छवि से बाहर आने की कोशिश करते हुए दिखाई दिये।
मोदी के खिलाफ गरजे अन्ना

मोदी के खिलाफ गरजे अन्ना

भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ अपने प्रदर्शन से पहले सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने आज संकेत दिए कि अगर नरेन्द्र मोदी सरकार ने इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया तो रामलीला मैदान में बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
मुलायम की महफिल में मोदी: दूरियां नजदीकियां बनीं?

मुलायम की महफिल में मोदी: दूरियां नजदीकियां बनीं?

उत्तर प्रदेश के सैफई में उत्तर भारत के दो प्रमुख राजनीतिक परिवार रिश्तेदारी में बंध गंये हैं। समाजवादी प्रमुख मुलायम सिंह यादव और राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू यादव के बीच हुई इस रिश्तेदारी के मौक़े पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी मौजूद थे।
एक विद्रोही गीत की कहानी

एक विद्रोही गीत की कहानी

देश के राजनीतिक इतिहास में ऐसी घटनायें कम ही सुनने को मिलती हैं कि एक गीत किसी सरकार के लिए मुसीबत खड़ी कर दे और सरकार को उस गीत और गीतकार के खिलाफ पूरी ताकत झोंकनी पड़ी हो। और आख़िरकार वह गीत ही सरकार का विदाई गीत बन गया हो।
क्या बदल गये हैं मोदी

क्या बदल गये हैं मोदी

देश में अल्पसंख्यक समुदाय पर हमले की घटनाओं के बीच मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने धार्मिक कट्टरता के ख़िलाफ़ एक लंबा भाषण दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली के विज्ञान भवन में हुए एक राष्ट्रीय समारोह में अपने विचार व्यक्त किये।
मोदी ने नहीं दिखाया साहस

मोदी ने नहीं दिखाया साहस

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दिल्ली के भावी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के शपथ ग्रहण समारोह में नहीं जाएंगे। आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल और उनके सहयोगी मनीष सिसोदिया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिले और उन्हें 14 तारीख़ को शपथ ग्रहण समारोह में आने का न्यौता दिया। मुलाक़ात के बाद सिसौदिया ने बताया कि प्रधानमंत्री शपथ ग्रहण में नहीं आएंगे।
आखिर कब तक करेंगे बहिष्कार ?

आखिर कब तक करेंगे बहिष्कार ?

जनादेश प्राप्त किसी मंत्री या निर्वाचित प्रतिसनिाधिे को खारिज कर उनके कार्यक्रम और समारोह का बहिष्कार किया जाना चाहिए क्योंकि वे दूसरी विचारधारा से है
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