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Search Result : " प्रदूषण"

दिल्ली-एनसीआर में 'प्रदूषण प्रमाण पत्र' के बगैर वाहनों का इंश्योरेंस नहीं होगा रिन्यू

दिल्ली-एनसीआर में 'प्रदूषण प्रमाण पत्र' के बगैर वाहनों का इंश्योरेंस नहीं होगा रिन्यू

जस्टिस एमबी लोकुर की अध्यक्षता वाली बेंच ने सड़क परिवहन और राजमार्ग यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है कि दिल्ली-एनसीआर के सभी पेट्रोप पंपों पर प्रदूषण जांच केंद्र हो।
आईसीएसई बोर्ड स्कूलों की किताब पर बवाल, ध्वनि प्रदूषण के लिए मस्जिद को बताया जिम्मेदार

आईसीएसई बोर्ड स्कूलों की किताब पर बवाल, ध्वनि प्रदूषण के लिए मस्जिद को बताया जिम्मेदार

आईसीएसई बोर्ड की स्कूलों में पढ़ाई जा रही एक किताब पर बवाल खड़ा हो गया है। दरअसल इस किताब के एक चैप्टर में ध्वनि प्रदूषण के लिए मस्जिद को जिम्मेदार बताया गया है।
हरिद्वार में गंगा का पानी नहाने लायक भी नहीं

हरिद्वार में गंगा का पानी नहाने लायक भी नहीं

हरिद्वार में गंगा का पानी नहाने लायक भी नहीं पीने की तो बात छोड़िए। यह खुलासा एक आरटीआई से हुआ है। दरअसल यह गंगा में बढ़ते प्रदूषण की वजह से हुआ है।
गंदगी की वजह से मथुरा कैंट बोर्ड पर 10 लाख रुपये का जुर्माना

गंदगी की वजह से मथुरा कैंट बोर्ड पर 10 लाख रुपये का जुर्माना

उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में छावनी परिषद क्षेत्र में ठोस कचरे का सही तरह से निस्तारण नहीं करने के एक मामले में राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण परिषद एवं मथुरा छावनी परिषद के विरुद्ध क्रमशः पांच लाख और 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
यमुना की गंदगी और कीड़ों के प्रकोप से बदरंग हो रहा है ताजमहल

यमुना की गंदगी और कीड़ों के प्रकोप से बदरंग हो रहा है ताजमहल

विश्व धरोहर और दुनिया में मोहब्बत की बेमिसाल धरोहर माना जाने वाला ताजमहल यमुना नदी में गंदगी और कीड़ों के प्रकोप से बदरंग होता जा रहा है। समय समय पर मड पैक और विभिन्न तत्वों का घोल चढ़ाकर इसके संरक्षण के प्रयास किये जाते है लेकिन कीड़ों के प्रकोप की समस्या का स्थायी समाधान निकालने की पहल अभी तक नहीं देखी गई है।
पटना में गंगा को प्रदूषण से बचाने के लिए 1050 करोड़ रुपए की परियोजनाओं को मंजूरी

पटना में गंगा को प्रदूषण से बचाने के लिए 1050 करोड़ रुपए की परियोजनाओं को मंजूरी

पटना में गंगा को स्‍वच्‍छ रखने के प्रयास के तहत शहर में सक्षम सीवेज ट्रीटमेंट ढांचा तैयार करने के लिए नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत 1050 करोड़ रुपए की परियोजनाओं को मंजूरी का बड़ा फैसला लिया गया है। यह राशि दो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाने, मौजूदा एसटीपी के नवीनीकरण, दो पंपिंग स्टेशनों के निर्माण और लगभग 400 किलोमीटर तक का नया भूमिगत सीवेज नेटवर्क बिछाने पर खर्च की जाएगी।
भारत में कई शहर जहां सांस लेना मुश्किल: ग्रीनपीस रिपोर्ट

भारत में कई शहर जहां सांस लेना मुश्किल: ग्रीनपीस रिपोर्ट

ग्रीनपीस इंडिया द्वारा ऑनलाइन रिपोर्ट और सूचना के अधिकार के तहत देश भर के विभिन्न राज्यों के प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से मिली जानकारियों के आधार पर बनाई गई वायु प्रदूषण की मौजूदा स्थिति पर बनी रिपोर्ट बेहद भयावह है। इसमें भारत के किसी भी शहर में डब्लूएचओ और दक्षिण भारत के कुछ शहरों को छोड़कर भारत के किसी भी शहर में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के प्रदूषण निंयत्रित करने के लिए बनाए गए मानकों की सीमा का पालन नहीं किया है। 24 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के 168 शहरों की स्थिति पर ग्रीनपीस इंडिया द्वारा बनी इस रिपोर्ट का नाम ‘वायु प्रदूषण का फैलता जहर’ नाम दिया गया है। इसमें प्रदूषण का मुख्य कारण जीवाश्म इंधन को जलाना बताया गया है।
वायु प्रदूषण से लड़ने के लिए आपातकालीन योजनाओं का मूल्यांकन कर रहा है चीन

वायु प्रदूषण से लड़ने के लिए आपातकालीन योजनाओं का मूल्यांकन कर रहा है चीन

चीन भारी वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए बीजिंग समेत अपने 20 शहरों की आपातकालीन योजनाओं का मूल्यांकन कर रहा है। इस बीच अधिकारियों की इस बात को लेकर आलोचना हो रही है कि उन्होंने प्रदूषण फैलाने वाले कारखानों के खिलाफ कार्रवाई करने से बचने के लिए रेड अलर्ट जारी नहीं किया।
प्रदूषण से खूबसूरती को ग्रहण

प्रदूषण से खूबसूरती को ग्रहण

बढ़ते प्रदूषण से न केवल स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है बल्कि खूबसूरती पर भी असर पड़ता है। इससे त्वचा खराब हो जाती है। उसपर खारिश, समय से पहले बुढ़ापा, झुर्रियां और लचीलेपन में कमी, काले दाग धब्बे देखने में आते है।
भारत में वायु प्रदूषण से मरने वालों की संख्या चीन से ज्यादा

भारत में वायु प्रदूषण से मरने वालों की संख्या चीन से ज्यादा

ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजिज प्रोजेक्ट के एक विश्लेषण में चिंताजनक नतीजे सामने आये हैं। इसके अनुसार, 2015 में बाहरी वायु प्रदूषण से सबसे अधिक मौत भारत में हुई है जो चीन से भी अधिक है। इस अध्ययन से पता चलता है कि 1990 से अबतक लगातार भारत में होने वाले असामायिक मौत की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। हाल के आंकड़े बताते हैं कि 2015 में भारत में 3283 लोगों की प्रतिदिन असामयिक मौत हुई जबकि इसकी तुलना में चीन में 3233 लोगों की मौत हुई थी।
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