समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर जम कर निशाना साधा। उन्होंने उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि गले में भगवा रंग पहनने वालों को पुलिस की पिटाई करने और थानों पर बलवा करने का लाइसेंस मिल गया है।
राज्यसभा में कल माकपा के एक सदस्य ने आरोप लगाया कि केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन के खिलाफ भगवा ब्रिगेड द्वारा अभियान चलाया जा रहाहै। वहीं पीएल पुनिया ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि नये बजट से इंदिरा गांधी के समय से चली आ रही अनुसूचित जाति और जनजाति उप योजनाओं को हटा दिया गया है।
अपने गढ़ मुंबई के बीएमसी चुनाव में 82 सीटें जीतने वाली भाजपा की बढ़त से बेफिक्र शिवसेना ने आज जोर देकर कहा कि नगर निकाय का मेयर उनकी पार्टी का ही बनेगा। इसके साथ ही सेना ने अब पराये हो चुके अपने पुराने सहयोगी भाजपा पर छल से उन्हें अस्थिर करने का भी आरोप लगाया।
महाराष्ट्र की राजनीति में अहम दखल रखने वाली शिवसेना ने राज्य में स्थानीय निकायों के चुनाव में भाजपा की जीत को नोटबंदी से जोड़ने को मूर्खता करार दिया है। महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना आपस में सहयोगी दल हैं। लेकिन भाजपा के प्रदर्शन की सराहना करने की बजाए शिवसेना ने इस पर चुटकी लेते हुए कहा कि जो लोग भगवा दल की जीत को नोटबंदी से जोड़ रहे हैं वे मूर्ख हैं।
जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से गायब एमएससी (बायोटेक्नो लॉजी) प्रथम वर्ष के छात्र नजीब अहमद को लेकर कैंपस का माहौल गर्म है। बार फिर यहां लाल और भगवा ब्रिगेड आमने-सामने हैं। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस पूरे मामले को लेकर दिल्लीड पुलिस कमिश्नैर आलोक वर्मा से भी बात की है। उन्होंने दिल्ली पुलिस को लापता छात्र का पता लगाने के लिए विशेष टीम गठित करने का निर्देश दिया।
जम्मू-कश्मीर के उरी में एक सैन्य शिविर पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने इस्लामाबाद पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि पाकिस्तान एक आतंकवादी देश है और उसे अलग-थलग किया जाना चाहिए।
कश्मीर घाटी में जारी उथल-पुथल के बीच भारतीय थलसेना ने अपनी एक पूरी ब्रिगेड ही दक्षिण कश्मीर में भेज दी है। आतंकवादियों के सफाये और प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन काम डाउन के तहत थलसेना ने यह ब्रिगेड भेजी है।
हाथ में ढफली, काले कुर्ते और जगह-जगह नुक्कड़ नाटक। यह तो साफ तौर पर वामपंथियों की पहचान है। इन नाटकों में सामाजिक मुद्दों पर करारा व्यंग्य होता है। यह नुक्कड़ नाटक अभी होंगे बस अंतर इतना है कि अब राष्ट्रवाद या केसरिया में यकीन रखने वाले लोग इससे जुड़ेंगे।