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सिर्फ विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ने से नहीं रुकेगा संकट: आरबीआइ

सिर्फ विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ने से नहीं रुकेगा संकट: आरबीआइ

विदेशी मुद्रा भंडार में पिछले सप्ताह छह अरब डालर की वृद्धि दर्ज की गई और यह बढ़कर अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। अत्यधिक उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार का कोई स्तर पर्याप्त नहीं होता है।
स्विस बैंक में 16वें स्थान पर भारतीय

स्विस बैंक में 16वें स्थान पर भारतीय

पत्रकारों की अंतरराष्ट्रीय संस्‍था ने सूची जारी कर एचएसबीसी के एक लाख से अधिक ग्राहकों और उनके खातों का जिक्र किया है जिनमें कुल 100 अरब डॉलर से अधिक की राशि जमा करने का उल्लेख है। इस सूची में 19000 से अधिक ऐसे ग्राहक हैं जिनका देश नहीं दर्शाया गया है।
आइएस के खिलाफ अमेरिका के साथ अमीरात

आइएस के खिलाफ अमेरिका के साथ अमीरात

संयुक्त अरब अमीरात आने वाले दिनों में इस्लामिक स्टेट (आइएस) के खिलाफ नए सिरे से सामने आ सकता है। वह आइएस विरोधी अमेरिकी अभियान में अपनी हवाई कार्रवाई बहाल कर सकता है।
बैंकों की मदद करेगी सरकार

बैंकों की मदद करेगी सरकार

भारत सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की स्थिति को सुधारने की कवायद शुरू कर दी है। इस सिलसिले में सरकार ने 9 बैंकों की मदद करने का फैसला किया है।
रोल्स-रॉयस की नजर भारतीय अरबपतियों पर

रोल्स-रॉयस की नजर भारतीय अरबपतियों पर

सुपर लक्जरी कार रॉल्स-राॅयस की भारत में बिक्री तेज करने की योजना, कंपनी के कारों की कीमत 4.5 करोड़ से लेकर 9 करोड़ रुपये तक है, सन 2023 तक भारत अरबपतियों की संख्या के लिहाज से चौथे स्‍थान पर होगा और इसी का फायदा उठाने की कोशिश कर रही है रॉल्स-रॉयस।
रजनी कोठारी: लोकतंत्र के क्रांतिकारी संदेशवाहक

रजनी कोठारी: लोकतंत्र के क्रांतिकारी संदेशवाहक

आज जब अच्छे दिनों को तरह-तरह के अतिवादी तरीकों से परिभाषित किया जा रहा है। तब रजनी कोठारी की कमी बहुत खलती है। अस्वस्थता, जीवन साथी के न रहने और छह साल पहले बेटे स्मितु कोठारी के न रहने से वह पिछले एक दशक से कुछ नहीं लिख पा रहे थे। लेकिन उनका किया और लिखा इतना है कि कोई भी नई पहल लेने वाला समूह उसमें से अपने लिए पर्याप्त दिशा संकेत खोज सकते हैं।
भारतीय मसालदानी में सिर्फ जीरा

भारतीय मसालदानी में सिर्फ जीरा

दोपहर के खाने में फास्ट-फूड का चलन बढ़ गया है। मैंने कभी नहीं सुना था कि लोग रात के खाने में पिज्जा खा रहे हैं। इसकी एक वजह वक्त की कमी भी है। होम-डिल्वरी सुविधा ने भी रसोईघर से दूरी बढ़ा दी है।
भारतीय राजनीति का बदलता चेहरा

भारतीय राजनीति का बदलता चेहरा

भारतीय राजनीति में पिछले दस-बारह वर्षों में भारी परिवर्तन आया है। मनमोहन सिंह ने अपने वित्त मंत्रीत्व काल में जिस नयी आर्थिक नीति की शुरुआत किया था उसका चक्र उनके प्रधानमंत्रित्व काल में लगभग खत्म हो गया। इन वर्षों में राजनीतिक व्यवस्था के आधारभूत दार्शनिक सिद्वांतों में भारी बदलाव आया।
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