किसी भी सभ्य समाज में बंधुआ मजदूरी एक कलंक है। भारत में लंबे समय से यह बुराई कायम रही है और इस खत्म करने के सरकारों के तमाम दावों के बावजूद कई जगह यह अब भी बदस्तूर जारी है।
‘भारत में वर्ष 2014 के बाद नाटकीय रूप से घृणा अपराधों, सामाजिक बहिष्कार और जबरन धर्मांतरण बढ़ गया है जिससे धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों और दलितों को भेदभाव और उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है।’ अमेरिका की एक स्वतंत्र संस्था ने अपनी 22 पेजी रिपोर्ट में यह दावा किया है।
शनिवार को मानवाधिकार दिवस के मौके पर दुनिया भर के कई लेखकों ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग को पत्र लिखा है। मानवाधिकार उल्लंघन के मुद्दे पर भेजे गए पत्र में लेखकों ने राष्ट्रपति से इसे तत्काल रोकने की अपील की है।
शीर्ष डेमोक्रेटिक सांसदों और मानवाधिकार संगठनों ने मुस्लिम-बहुल देशों से आए प्रवासियों की सूची तैयार करने की नीति को फिर से बहाल करने की नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रप की कथित योजना की आलोचना की है।
भाजपा ने सिमी के आठ सदस्यों के कथित मुठभेड़ में मारे जाने की न्यायिक जांच की मांग करने को लेकर कांग्रेस तथा अन्य दलों पर निशाना साधते हुए इसे वोट बैंक की राजनीति करार देते हुए कहा कि पुलिस एवं सुरक्षा बलों ने तत्परता से काम किया है और एेसे विषयों का मानवाधिकार के नाम पर राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पिछले पांच महीनों में मध्य प्रदेश के शेओपुर जिले में कुपोषण संबंधी बीमारियों के कारण 116 बच्चों की मौत की खबरों पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित कर रही हैं। अपने संबोधन में उन्होंने आतंक के मुद्दे पर पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाते हुए कहा कि जिसने भी आंतकवाद का बीज बोया उसने कड़वा फल खाया।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में बलूचिस्तान के मुद्दे पर पाकिस्तान के खिलाफ आक्रामक रूख अपनाते हुए भारत ने कहा है कि पाकिस्तान ऐसा देश है जो अपने ही लोगों के खिलाफ आतंकवाद फैलाता है और बलूचिस्तान के लोगों का दुख-दर्द इसकी पूरी दास्तान बयान करता है।
बलूच कार्यकर्ताओं के एक समूह ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और बलूचिस्तान में पाकिस्तान द्वारा मानवता के खिलाफ किए जा रहे अपराधों को रेखांकित करते हुए आजादी की मांग की।