जीएसटी नेटवर्क में खामियों को देखते हुए काउंसिल ने जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा में ढिलाई देने का भी फैसला किया है। कारोबारी अब जुलाई का रिटर्न (जीएसटीआर-1) 10 अक्टूबर तक दाखिल कर सकेंगे।
आज की बैठक में लक्जरी और मध्यम आकार की कारों पर जीएसटी सेस की दर को 25% किए जाने पर फैसले समेत कई अन्य वस्तुओं पर कर विसंगति को दूर करने के बारे में निर्णय किया जाएगा।
जीएसटी काउंसिल ने 5 अगस्त को हुई अपनी 20वीं मीटिंग में सेस को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने की सिफारिश की है। मौजूदा समय में गाड़ियों पर 28 प्रतिशत जीएसटी के साथ कुल 43 प्रतिशत टैक्स लगता है।
सीबीआइ द्वारा दर्ज एफआइआर के मुताबिक, घूस को छिपाने के लिए मानस पात्रा पहले इस रकम को अपने एकाउंट में जमा कर लेता था। बाद में उस रकम को मल्होत्रा की पत्नी के बैंक एकाउंट में ट्रांसफर कर देता था।
जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) काउंसिल की 17वीं बैठक में मुनाफाखोरी को रोकने के लिए एंटी प्रॉफिटियरिंग समेत कई अहम नियमों को मंजूरी दे दी गई है। हालांकि ई-वे बिल के तैयार न होने के कारण इस पर फैसला नहीं हो पाया है। काउंसिल ने हर माह रिटर्न फाइल करने में फिलहाल दो महीने की छूट दी है। अभी जुलाई और अगस्ता में रिटर्न फाइल करने की जरूरत नहीं होगी।
उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायधीश मार्कंडेय काटजू की बिहार को लेकर की गई टिप्पणी पर प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि वह प्रदेश के माई बाप बनने की कोशिश कर रहे हैं।
जीएसटी काउंसिल का गठन तय होने के बाद वस्तु एवं सेवाकर की सबसे ऊंची दर पर खींचतान निश्चित होगी। जीएसटी की अधिकतम दर क्या होगी, यह तय करने का काम काउंसिल का है और राज्य व केंद्र विपक्ष की 18 फीसदी की मांग पर सहमत होंगे, इसकी कोई उम्मीद फिलहाल नहीं दिख रही है।
‘उत्तर प्रदेश में चुनाव नजदीक हैं। भारतीय जनता पार्टी किसी भी हालत में उत्तर प्रदेश में जीत हासिल करने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। उसके लिए बीफ खासकर गाय को मुद्दा बनाया जा रहा है और मुसलमानों को गाय का दुश्मन बताकर आम हिंदू के दिल में नफरत फैलाने की कोशिश की जा रही है। जो गाय दूध देती है, परिवार का आर्थिक आधार है, उसी गाय के जरिये वोट हासिल करने की कोशिश की जा रही है।‘ ऐसा कहना है इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के सदर मौलाना तौकीर रजा खान का।