हरियाणा के रोहतक से निर्भया जैसी दर्दनाक घटना सामने आई है। सोनीपत की 23 वर्षीय युवती का अपहरण कर उसके साथ गैंगरेप किया और बर्बरता की सारी हदें पार कर दी गईं।
रोहतक में पीजीआईएमएस की कैंटीन में स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ब्रांच के बाहर शनिवार को भीड़ का सब्र टूट गया और लोग बैक का शीशा तोड़कर लोग अंदर घुस गए।
अपने दादा-दादी का नाम लेकर मैदान में उतरने वाली साक्षी मलिक का पैतृक गांव मोखरा जश्न में डूबा है। शहर के सेक्टर-3 स्थित मकान नंबर 45 में माहौल ऐसा, मानो कि मेला लगा हो। आधी रात से शुरू पटाखों का धूम-धड़ाका अभी तक थम नहीं रहा, वहीं बैंड-बाजे, हरियाणवी गीतों पर नाच-गाना भी जमकर हो रहा है। पिता सुखबीर मलिक और मां सुदेश मलिक तो खुशी के मारे ‘बावले’ से घूम रहे हैं। आंखों में खुशी के आंसू लिए कहते हैं, ‘बेटी ने छाती चौड़ी कर दी, बता दिया बेटियां किसी से कम नहीं।’
रोहतक सहित प्रदेश के 12 जिलों में धरना लगाए बैठे जाट आंदोलनकारियों एवं राज्य सरकार के बीच आज चंडीगढ़ में प्रस्तावित बातचीत के शुरू होने से पहले इस पर विफलता के बादल मंडरा रहे हैं। बातचीत होगी या नहीं, इसे लेकर संशय की स्थिति है क्योंकि आंदोलनकारियों ने साफ कर दिया है कि सरकार से बातचीत के लिए उन्हें खापों के नेता या अन्य कोई तीसरा पक्ष हरगिज मंजूर नहीं।
हरियाणा में गुरुवार को एक बार फिर सतर्कता बढ़ी दी गई क्योंकि जाटों ने अल्टीमेटम दिया है कि अगर उनके आरक्षण के मुद्दे को हल नहीं किया गया तो वे फिर आंदोलन की राह पकडेंगे। जाटों ने सरकार को इसके लिए 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया था जो समय सीमा आज रात समाप्त हो रही है। लेकिन इससे भी बड़ी चेतावनी प्रधानमंत्री मोदी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर तथा केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से बात करने के बाद प्रशासन को दी है कि इस बार जाट आंदोलन के नाम पर ऐसा कुछ नहीं होना चाहिए जिससे सार्वजनिक संपत्ति को क्षति पहुंचे। संवेदनशील जिलों में पुलिस और अर्द्ध सैनिक बल सतर्क हैं तथा वे विभिन्न स्थानों पर फ्लैग मार्च कर रहे हैं।
मंगलवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर हिंसा पीड़ितों से मिलने पहुंचे तो उन्हें लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा। लोगों ने सीएम मुर्दाबाद और वापस जाओ के नारे लगाए। उन्हें काले झंडे भी दिखाए। हालात इतने खराब हो गए की खट्टर को बिना भाषण दिए ही लौटना पड़ा। गौरतलब है कि हरियाणा में आरक्षण की मांग को लेकर बीते 9 दिनों से जाट समुदाय आंदोलन पर हैं।