सरकारी तेल कंपनियों ने 15 अगस्त की रात से पेट्रोल और डीजल की कीमत में कटौती कर दी है। पेट्रोल एक रुपये प्रति लीटर जबकि डीजल के दाम में दो रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई।
रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने महंगाई बढने की चिंताओं के मद्देनजर नीतिगत दरों में आज कोई बदलाव नहीं किया हालांकि उन्होंने कहा कि केन्द्रीय बैंक मौद्रिक नीति के मामले में उदार रख बनाये रखेगा। उन्होंने नीतिगत दर में पिछली कटौतियों का पूरा लाभ ग्राहकों तक नहीं पहुंचाने के लिये बैंकों की फिर आलोचना की।
सरकार ने सोमवार को एक बार फिर पेट्रोल के दाम में भारी कटौती की है लेकिन डीजल की कीमत लगभग 1.50 रुपये बढ़ा दी है। विश्व बाजार में पेट्रोलियम पदार्थों की गिरती कीमत को देखते हुए इस महीने दोबारा यह कीमत संशोधित की गई है। सोमवार आधी रात के बाद दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 59.63 रुपये के बजाय 56.61 रुपये प्रति लीटर हो जाएगी।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट की वजह से भारत में भी लोगों को राहत देते हुए तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के दाम घटा दिए हैं।
देश में प्याज की कीमत अभी 60-70 रुपये के आसपास बनी हुई है लेकिन मिस्र से इसके आयात के बाद जल्द ही बाजार में प्याज की कीमत सामान्य होने के आसार हैं। पिछले दो महीनों के अंदर सरकार ने मिस्र से 18 हजार टन प्याज का आयात किया है। मंडियों में सुर्ख लाल रंग के प्याज पिछले हफ्ते से दिखने लगे हैं।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अपनी 16 सितंबर को होने वाली बैठक में उस प्रस्ताव पर विचार कर सकता है जिसमें कर्मचारियों को सस्ता घर खरीदने के लिए पीएफ जमाराशि निकालने की सुविधा दी गई है।
निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक आईसीआईसीआई बैंक ग्रामीण इलाकों में ग्राहकांे को 15 लाख रुपये तक का ऋण आधार दर पर उपलब्ध कराएगा। आधार दर बैंकों की कर्ज पर ली जाने वाली सबसे निम्न ब्याज दर होती है। बैंक महिलाआंे को पहले ही आधार दर पर कर्ज उपलब्ध करा रहा है।
पिछले साल भर में दस लाख से ज्यादा भारतवासियों ने स्वेच्छा से अपनी रसोई गैस सब्सिडी छोड़ी। एक विकासशील देश में मोदी सरकार ने इन लोगों को इसके लिए प्रेरित करने का अभियान यह कहते हुए छेड़ा कि पैसा ज्यादा जरूरतमंद लोगों तक पहुंचना चाहिए। सरकारी अनुदानों के बारे में आख्यान बदलने का यह प्रयास नई राह बनाता है। ज्यादातर सब्सिडी कम जरूरतमंद लोग चट कर गए हैं, इसके बारे में बहुत सार्वजनिक विमर्श हुआ है।