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एक कलाकार दे रहा है पुराने लेखकों और कवियों को नई पहचान

एक कलाकार दे रहा है पुराने लेखकों और कवियों को नई पहचान

पुराने लेखकों और कवियों की अच्छी तस्वीरें इंटरनेट पर शायद ही मिलती हैं। ऐसी स्थिति का सामना हम में से ज्यादातर लोग करते तो हैं लेकिन इस स्थिति का हल नहीं निकाल पाते हैं। ऐसे में एक कलाकार कई तरह के कला माध्यमों का सहारा लेकर पूराने लेखकों-कवियों की पहचान को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रहा है।
राजेश खन्ना पर नसीर की टिप्पणी से बिफरीं ट्विंकल ने किया पटलवार

राजेश खन्ना पर नसीर की टिप्पणी से बिफरीं ट्विंकल ने किया पटलवार

वरिष्ठ अभिनेता नसीरूद्दीन शाह की राजेश खन्ना पर कथित टिप्पणी को लेकर ट्विंकल खन्ना ने पलटवार किया है। अपनी टिप्पणी में शाह ने कथित तौर पर कहा था कि 70 के दशक में हिंदी फिल्म उद्योग में मध्यम स्तर लाने के लिए राजेश खन्ना जिम्मेदार हैं।
वरिष्ठ पत्रकार और कवि नीलाभ अश्क का निधन

वरिष्ठ पत्रकार और कवि नीलाभ अश्क का निधन

वरिष्ठ पत्रकार, कवि, अनुवादक और समालोचक नीलाभ अश्क का लंबी बीमारी के बाद शनिवार की सुबह निधन हो गया। नीलाभ जाने-माने साहित्यकार उपेंद्र नाथ अश्क के बेटे थे।
मिसिंग पर्सन पुस्तक हिंदी में

मिसिंग पर्सन पुस्तक हिंदी में

हर व्यक्ति का अपना एक अतीत होता है। बल्कि कहना गलत न होगा कि हमारा वर्तमान हमारे अतीत की नींव पर टिका होता है। ऐसे में अगर हमारे भीतर से अतीत विस्मृत हो जाए तो हमारा पूरा वजूद डावांडोल होने लगता है। हम अपनी पहचान के संकट से आक्रांत हो उठते हैं। ऐसे में किसी संवेदनशील व्यक्ति का अपने अतीत की तहों में उतरकर स्मृतियों के रेशे तलाशना स्वाभाविक है।
प्रबंधन, आईटी, विधि की पढ़ाई हिंदी में कराने की पहल

प्रबंधन, आईटी, विधि की पढ़ाई हिंदी में कराने की पहल

हिंदी भाषी छात्रों के लिए प्रबंधन, आईटी, फिल्म, पत्रकारिता जैसे विषयों में रोजगारपरक शिक्षा को बढ़ावा देते हुए महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा ने इन विषयों में हिंदी माध्यम में पाठ्यक्रम तैयार किए हैं और शिक्षा को आगे बढ़ाने की पहल की है।
हिंदी नहीं अंग्रेजी नाम का संक्षिप्त स्वरुप है नीति आयोग

हिंदी नहीं अंग्रेजी नाम का संक्षिप्त स्वरुप है नीति आयोग

योजना आयोग के स्थान पर बनी नई संस्था नीति आयोग दरअसल हिन्दी नहीं बल्कि इसके अंग्रेजी नाम नेशनल इंस्टीट्यूट फार ट्रांसफार्मिंग इंडिया का संक्षिप्त स्वरूप है। नीति अंग्रेजी वर्णों का प्रतिनिधित्व करता है।
संसद में उठा महंगे हिंदी एसएमएस का मुद्दा

संसद में उठा महंगे हिंदी एसएमएस का मुद्दा

अंग्रेजी के मुकाबले हिंदी में मैसेज भेजना समाज के एक बड़े तबके के लिए सुविधाजनक होता है मगर मुश्किल यह है कि अंग्रेजी के मुकाबले हिंदी में एसएमएस संदेश में चूंकि ज्यादा की स्ट्रोक इस्तेमाल होती है इसलिए एक ही संदेश के लिए अंग्रेजी की बनिस्पत हिंदी में ज्यादा पैसे खर्च होते हैं। अब इस चिंता को संसद में भी व्यक्त किया गया है।
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