अपनी बेबाक टिप्पणियों के लिए हरियाणा के मंत्री अनिल विज एक बार चर्चा में हैं। उन्होंने कहा कि गांधी के नाम की वजह से खादी डूब रही थी इसलिए अगर खादी ग्रामोद्योग उनकी बजाय पीएम मोदी का फोटो अपने कैलेंडर और डायरी पर इस्तेमाल करता है तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। विज ने तो यहां तक कहा कि नोटों से भी गांधी की फोटो हटाई जाएगी, हालांकि बाद में उन्होंने इस बयान को वापस ले लिया।
चुनाव आते ही फिल्मी हस्तियों को भी राजनीति का कीड़ा काट लेता है। हाल ही में यह कीड़ा अर्जुन रामपाल और जैकी श्रॉफ को काट गया है। अर्जुन रामपाल ने आज दिल्ली के भाजपा कार्यालय में राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और रामलाल से मुलाकात की। आने वाले दिनों में जैकी श्रॉफ भी भाजपा नेताओं से मुलाकात करने वाले हैं।
शीर्ष आईएएस अधिकारी अनिल बैजल को आज दिल्ली का अगला उपराज्यपाल नियुक्त कर दिया गया। नजीब जंग के एकाएक इस्तीफा देने के बाद से यह पद रिक्त है। 1969 बैच के आईएएस अधिकारी बैजल अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के अधीन केंद्रीय गृह सचिव थे और साथ ही अन्य मंत्रालयों में महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं।
पुणे स्थित थिंकटैंक अर्थक्रांति के संस्थापक अनिल बोकिल ने दोबारा कहा कि बिना समुचित तैयारी के नोटबंदी का कदम उठाया गया। बोकिल उस टीम का हिस्सा थे जिन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को नोटबंदी का सुझाव दिया था।
पुणे स्थित थिंकटैंक अर्थक्रांति के संस्थापक अनिल बोकिल ने कहा है कि बिना समुचित तैयारी के नोटबंदी का कदम उठाया गया है। बोकिल का मानना है कि इस अच्छे प्रयास का सही से क्रियान्वयन नहीं किया गया।
पीएम नरेंद्र मोदी को बड़े नोटों को बंद करने की सलाह देने वाले पुणे के अनिल बोकिल सरकार के अचानक लिए गए फैसले से खफा बताए जा रहे हैं। बोकिल ने कहा कि नोटबंदी पर सरकार के फैसले में उनके सारे सुझावों को शामिल नहीं किया गया। बोकिल ने अपनी नाखुशी जाहिर करते हुए कहा है कि सरकार ने बेहोशी की दवा दिये बिना ऑपरेशन कर दिया है।
इस्राइल के राष्ट्रपति रियुवेन रिवलिन अपने आठ दिवसीय भारत दौरे पर आज राजधानी दिल्ली पहुंचे। अपने पहले साक्षात्कार में उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को पूरा सहयोग देने की प्रतिबद्धता जताई और कहा कि भारत एवं इस्राइल की मित्रता लंबे समय से सतत रूप से चल रही है तथा यह छिपाने वाली मित्रता नहीं है।
साहित्य अकादेमी, दिल्ली के प्रवासी मंच कार्यक्रम में अरुणा सब्बरवाल ने अपनी कहानी उडारी का पाठ किया। चर्चा में वक्ताओं की आम राय थी कि यह औरतों के जीवन में आए खुलेपन की कहानी है। ज्यादातर पसंद आई कहानी पर यह भी कहा गया कि लंदन में विवाहेतर और अकेली महिलाओं के संबंधों को जो पारिवारिक-सामाजिक मान्यता है, वह दिन भारत के लिए अभी दूर है।
देश के सामाजिक ताने-बाने को हमेशा के लिए बदल कर रख देने वाले 1984 के सिख विरोधी दंगों की रोंगटे खड़े करने वाली दास्तां को कहानियों के रूप में एक नई किताब में पेश किया गया है।