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कहानियों की किताब जिसमें हर कहानी है 140 अक्षरों से कम की

कहानियों की किताब जिसमें हर कहानी है 140 अक्षरों से कम की

जब लेखक और इलस्ट्रेटर मनोज पांडे ने सलमान रश्दी, मार्गरेट एटवुड और तेजू कोले जैसे अपने पसंदीदा लेखकों को उनकी प्रतिक्रिया पाने की आशा में अपने ट्वीट में टैग करना शुरू किया तब वे नहीं जानते थे कि उनकी प्रतिक्रिया भी अपने आप में लघु कहानियां ही होंगी।
राष्ट्रवाद पर लिखते हों तो संघ की बैठक में स्वागत है

राष्ट्रवाद पर लिखते हों तो संघ की बैठक में स्वागत है

कानपुर में चल रही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की बैठक में हर दिन अलग-अलग मुद्दों पर चिंतन हो रहा है। उत्तर प्रदेश चुनाव के अलावा कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर संघ काम कर रहा है।
एक बार फिर निर्देशन में अपना हाथ आजमाएंगे प्रोसेनजीत

एक बार फिर निर्देशन में अपना हाथ आजमाएंगे प्रोसेनजीत

बंगाली फिल्मों के सुपरस्टार प्रोसेनजीत चटर्जी 18 साल बाद एक बार फिर निर्देशन में अपना हाथ आजमाने वाले हैं। पिछले सप्ताह ही प्रोसेनजीत की बॉलीवुड फिल्म ट्रैफिक बड़े पर्दे पर रिलीज हुई है।
अब पढ़िए लेखिका सनी लियोनी की कहानियां

अब पढ़िए लेखिका सनी लियोनी की कहानियां

सनी लियोनी ने बॉलीवुड में अपने अभिनय से लोगों के दिलों को जीता है और अब वह लेखिका के रूप में भी अपने करियर में नई भूमिका निभाने को तैयार हैं। सनी ने स्वीट ड्रीम्स नामक एक किताब लिखी है जिसमें 12 लघु कहानियां है।
मिले-जुले समाज से पाकिस्तान महरूम है-इंतिजार हुसैन

मिले-जुले समाज से पाकिस्तान महरूम है-इंतिजार हुसैन

पाकिस्तान के प्रसिद्ध कहानीकार इंतिजार हुसैन ने 2 फरवरी 2016 को इस संसार से विदा ले ली। भारत में पैदा हुए इंतिजार की शिक्षा पहले हापुड़ फिर मेरठ कॉलेज से हुई थी। सन 2012 में सआदत हसन मंटो की जन्मशताब्दी वर्ष के मौके पर पाकिस्तान के नामी अफसानानिगार इंतिजार हुसैन भारत आए थे। विभाजन के बाद वह परिवार के साथ पाकिस्तान चले गए थे। लेकिन उनकी रूह भारत में ही रहती थी। उनकी कहानियों में अलग तरह का दर्शन था। बस्ती, हिंदुस्तान से आखिरी खत उनकी लोकप्रिय कृतियों में से है। तब उन्होंने आउटलुक से ढेर सी बात की थी। उनके साक्षात्कार में उन्होंन बताया था भारत और भारतीयता की समझ को। उनका भारत में दिया गया अंतिम साक्षात्कार
70 साल बाद आयन रैंड का उपन्यास

70 साल बाद आयन रैंड का उपन्यास

प्रसिद्ध रूसी लेखिका और दार्शनिक आयन रैंड का उपन्यास आइडियल 70 साल बाद प्रकाशित हो रहा है। उपन्यास से पहले उन्होंने इसे एक नाटक के रूप में लिखा था।
उर्दू उपन्यासकार अब्दुल्ला हुसैन का निधन

उर्दू उपन्यासकार अब्दुल्ला हुसैन का निधन

पाकिस्तान के जाने माने उर्दू उपन्यासकार अब्दुल्ला हुसैन का लाहौर में निधन हो गया। हुसैन अपनी किताब उदास नस्लें के लिए जाने जाते थे। वह 84 वर्ष के थे।
मैं भारत फिर लौटूंगी - तस्लीमा

मैं भारत फिर लौटूंगी - तस्लीमा

अपने देश के चरमपंथियों की ओर से मौत की धमकियां मिलने के बाद अमेरिका जा चुकी विवादास्पद बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने कहा कि उन्होंने भारत को स्थायी तौर पर नहीं छोड़ा है और जब उन्हें सुरक्षित महसूस होगा, वह लौट आएंगी।
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