एक तरफ जहां लोग फादर्स डे मना रहे हैं वहीं भारतीय सेना के शहीद जवान लांस नायक बख्तावर सिंह कै पिता अपने बेटे को खोने का गम मना रहे हैं। शहीद के पिता ने कहा कि अगर सरकार में दम होता तो हम अपने बच्चे नहीं खोते। उन्होंने कहा कि यह सब सरकार की आलसीपन की वजह से हो रहा है।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव एक बार फिर विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं। इस बार मामला कुछ और नहीं बल्कि सरकारी डॉक्टर्स की टीम का लालू के घर पर तैनात किया जाना है।
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने आज एक बार फिर भाजपा और सहयोगी संगठन गो-रक्षक दल को नसीहत दी। उन्होंने कहा कि गो-रक्षक जो खुद को पशु एवं गाय के प्रति संवेदनशील कहते हैं, उनका यह पहला कर्तव्य है कि सड़क पर लावारिस घूम रहे जानवरों के लिए खास गोशाला बनाकर उनको उसमें रखें और उनकी सेवा करें।
डायरेक्टर, प्रोड्यूसर, स्क्रीन राइटर, कॉस्ट्यूम डिजाइनर और एक एक्टर के तौर पर अपना हुनर दिखाने वाले करण जौहर आज 44 साल के हो गए हैं। करण बॉलीवुड के एक ऐसे निर्देशक हैं जिन्होंने आज की युवा पीढ़ी को ध्यान में रखते हुए फिल्मों का निर्माण किया। फिर चाहे बात ‘कुछ कुछ होता है’ की हो या फिर ‘स्टूडेंट ऑफ दि ईयर‘ की हो। करण जौहर ने एक से बढ़कर एक अच्छी फिल्में निर्देशित की हैं।
स्नैक वाला गेम याद है ना? तब नोकिया का 3310 भी याद ही होगा। 17 साल बाद नए लुक के साथ अब नोकिया 3310 मोबाइल सेट की वापसी हो गई है। आज नोकिया के राइट्स वाली कंपनी एचएमडी ग्लोबल ने इसे लॉन्च कर दिया है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने आज उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। आयोग ने यह नोटिस इटावा जिले के अस्पताल से एंबुलेंस न मिलने पर अपने किशोर बेटे का शव कंधे पर ले जाने को मजबूर हुए एक मजदूर का मामला सामने आने पर दिया है।
भारत के दो जवानों को मारने के बाद उनके शवों के साथ की गई बर्बरता से पूरा देश आक्रोशित है। सेना ने इसका बदला लेते हुए पाक की दो चौकियों और 10 सैनिकों को मार गिराया है। लेकिन पाक हमले में शहीद हुए बीएसएफ हेड कांस्टेबल प्रेम सागर की बेटी ने अपने पिता की शहादत के बदले सरकार से 50 पाक सैनिकों के सिर मांगे हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का आलम आज भी जस की तस है जबकि उत्तर प्रदेश की सत्ता अखिलेश सरकार से होकर योगी आदित्यनाथ के पास पहुंच चुकी है। इस दौरान सरकार बदलाव के तमाम बड़े दावे करे, लेकिन एक आम आदमी के द्वारा शव को अपने कंधे पर उठाकर ले जाना सभी दावों को ढेर करता दिख रहा है।