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ब्रिक्स देशों के NSA से बोले अजीत डोभाल- आतंकवाद के खिलाफ मिलकर करें काम

ब्रिक्स देशों के NSA से बोले अजीत डोभाल- आतंकवाद के खिलाफ मिलकर करें काम

ब्रिक्स देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक के लिए चीन पहुंचे भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार अजीत डोभाल ने शुक्रवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की।
‘छत्तीसगढ़ी भाषा’ को लेकर आंदोलन तेज, जंतर-मंतर पर हुआ सत्याग्रह

‘छत्तीसगढ़ी भाषा’ को लेकर आंदोलन तेज, जंतर-मंतर पर हुआ सत्याग्रह

छत्तीसगढ़ी मातृभाषा की लड़ाई अब देश की राजधानी दिल्ली तक पहुंच गई है। छत्तीसगढ़िया महिला क्रांति सेना और छत्तीसगढ़ी राजभाषा मंच के सयुंक्त तत्वावधान में बुधवार को बड़ी संख्या में लोग सत्याग्रह के लिए एकजुट हुए।
स्कूलों में बांग्ला अनिवार्य करने के विरोध में दार्जिलिंग में भड़की हिंसा, सीएम ने बुलाई सेना

स्कूलों में बांग्ला अनिवार्य करने के विरोध में दार्जिलिंग में भड़की हिंसा, सीएम ने बुलाई सेना

एक तरफ देश जहां किसान आंदोलन की चपेट में है वहीं पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में बांग्ला अनिवार्य करने के विरोध में जमकर हिंसा हुई।
सऊदी अरब, यूएई सहित 4 देशों ने तोड़ा कतर से रिश्ता, लगाया आतंकवाद को समर्थन देने का आरोप

सऊदी अरब, यूएई सहित 4 देशों ने तोड़ा कतर से रिश्ता, लगाया आतंकवाद को समर्थन देने का आरोप

सऊदी अरब, बहरीन, मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने आज कतर के साथ अपने सभी राजनयिक संबंध तोड़ने की घोषणा की है। इन सभी देशों ने कतर पर आंतकवाद को समर्थन देने का आरोप लगाया है।
खेल मंत्री विजय गोयल के बयान के बाद द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज पर मंडराया संकट

खेल मंत्री विजय गोयल के बयान के बाद द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज पर मंडराया संकट

आए दिन भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर घटित हो रही आतंकी घटनाओं के बीच केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल ने पाक के साथ द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज खेलने से मना कर दिया है। खेल मंत्री ने कहा कि ऐसे समय जब सीमा पर आतंकी घटनाएं लगातार हो रही हैं, खेल संभव नहीं है।
देश की पहली ऐसी मस्जिद, जहां मूक-बधिर भी अता कर सकेंगे जुमे की नमाज़

देश की पहली ऐसी मस्जिद, जहां मूक-बधिर भी अता कर सकेंगे जुमे की नमाज़

अक्सर मस्जिदों में लाउडस्पीकर से अज़ान सुनने के बाद ही नमाज पढ़ी जाती है। हाल ही में केरल की एक ऐसी अनोखी मस्जिद के बारे में पता चला है, जो मूक और बधिर लोगों को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है। इस मस्जिद में हर जुमे की नमाज वे लोग भी पढ़ सकेंगे जो न तो सुन सकते हैं और न ही बोल सकते हैं।