भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष विवादों में है। घोष ने नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन की आलोचना की है। इससे राज्य की राजनीति में एकाएक गरमाहट पैदा हो गई है। तृणमूल कांग्रेस के महासचिव व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि घोष ने अमर्त्य सेन के बारे में जो नकारात्मक बातें कही है वह शर्मनाक है।
भारतीय रिजर्व बैंक के दो पूर्व गवर्नरों वाई वी रेड्डी और बिमल जालान के बाद अब नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अमर्त्य सेन ने आज केन्द्रीय बैंक की स्वायत्तता पर सवाल उठाते हुए कहा कि आजकल बैंक कोई फैसले नहीं करता, सभी निर्णय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करते हैं।
नोबल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने मोदी सरकार के नोटबंदी के कदम को तानाशाही वाली कार्रवाई करार दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार का यह कदम भरोसे पर टिकी अर्थव्यवस्था की जड़ें खोखली करेगा।
अपने विवादित बयानों के लिए चर्चित रहने वाले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मार्केंडय काटजू ने गांधी जंयती पर महात्मा गांधी को लेकर वैचारिक हमला किया है। काटजू ने गांधी को फ्राड और पाखंडी बताया है। उन्होंने कहा है कि गांधी की वजह से देश को आजादी नहीं मिली है। फेसबुक पर काटजू ने पोस्ट में लिखा- कौन सही है- गांधी या भगत सिंह और सूर्य सेन? काटजू ने लिखा- जब 1938 में इंग्लैंड के प्रधानमंत्री नेविले चेम्बरलिन जर्मनी से म्यूनिख समझौता करके लौटे थे तो विपक्ष के नेता विस्टन चर्चिल ने कहा था कि आपके पास युद्ध या अपमान में से विकल्प चुनने का अधिकार है और आपने अपमान चुना।