साल 2009 में यूपीए के दोबारा सत्ता में आने और भाजपा खेमे में निराशा छाए होने के बाद बाबा रामदेव ने भाजपा में जान फूंकने के लिए एक योजना आरएसएस के सामने रखी थी। पत्रकार भवदीप कांग की नई किताब में यह दावा किया गया है। किताब के अनुसार, इस योजना के तहत रामदेव ने 2010 में अपनी संस्था भारत स्वाभिमान आंदोलन का भाजपा में विलय करने और राजनीतिक और सामाजिक बदलाव के लिए संयुक्त अभियान चलाने का प्रस्ताव दिया था।