गुजरात के बहुचर्चित सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस में मुबंई के विशेष सीबीआई कोर्ट ने अहम फैसला दिया है। कोर्ट ने दिनेश एम एन और डीजी वंजारा को बरी कर दिया।
गुजरात के पूर्व आईपीएस अधिकारी डीजी वंजारा ने राज्य में हुए एनकाउंटर को लेकर बड़ा खुलासा किया है। गुजरात एटीएस के पूर्व प्रमुख वंजारा ने कहा कि गुजरात में कोई भी एनकाउंटर फर्जी नहीं था। मुठभेड़ में मारे गए आतंकी राजनेताओं को मारने और राज्य की शांति और समृद्धि को नष्ट करने के लिए आए थे।
इशरत जहां मुठभेड़ मामले में जमानत मिलने के बाद नौ साल बाद पूर्व डीआईजी डीजी वंजारा गुजरात लौटे हैं। इशरत जहां के अलावा उनपर और भी कई फर्जी एनकाउंटर्स के आरोप थे।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने गुजरात के विवादित और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी डी जी वंजारा को शनिवार को गुजरात लौटने की अनुमति दे दी। वंजारा पर गुजरात के पुलिस अधिकारी रहते हुए इशरत जहां और शोहराबुद्दीन शेख को फर्जी मुठभेड़ में मार गिराने का आरोप था। अदालत ने उनकी जमानत शर्त को संशोधित करते हुए यह फैसला दिया जिस कारण वंजारा पिछले एक साल से मुंबई में थे।
गुजरात में बहुत से लोगों के लिए केंद्र सरकार के एक साल पूरा होते न होते अच्छे दिन आ गए हैं। जिनके दिन और रात पहले से काले थे, उन्हें अब अमावस्या में जीने की सलाह दी जा रही है। आज की वारीख में चाहे वह इशरत जहां का फर्जी एनकाउंटर का मामला हो या सोहराबुद्दीन की हत्या का, सब मामलों में तमाम आरोपियों को जेल से मुक्ति, मुकदमों से मुक्ति की राह निकल पड़ी है। दोषियों, आरोपियों की रिहाई की यह रेल जिस तेजी से चल रही है, उसमें 2002 गुजरात नरंसहार के दोषियों को भी मुक्ति की आस बंध गई है।