भारत यात्रा पर आए नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। पड़ोसी देश के राजनीतिक परिवर्तन से गुजरने के बीच भारत ने वहां सभी वर्गों की आकांक्षाओं को समावेशित कर देश के संविधान के क्रियान्वयन की वकालत की और इस हिमालयी राष्ट्र में चीन द्वारा अपने पैर जमाने की कोशिशों के बीच उसे सभी संभव सहायता का आश्वासन दिया।
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड पद संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर गुरुवार को भारत पहुंचे। उनकी इस तीन दिवसीय यात्रा का मकसद भारत और नेपाल के संबंधों में आई कड़वाहट को दूर करने के साथ ही भूकंप के बाद पुनर्निर्माण, पनबिजली परियोजनाएं और सड़क निर्माण के लिए भारत से मदद मांगना है।
भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए सचिन तेंदुलकर क्रिकेट के भगवान हैं और पश्चिम बंगाल के एक आदिवासी गांव के लिए भी राज्यसभा सांसद तेंदुलकर फरिश्ता ही साबित हुए जिन्होंने 51 साल पुराने उपेक्षित स्कूल के पुनर्निर्माण के लिए धन जुटाने में मदद की है।
25 अप्रैल को नेपाल में आए भूकंप से व्यापक तबाही हुई है। इससे नेपाल में महात्रासदी की स्थिति पैदा हो गई है। भूकंप के एक माह से ज्यादा समय गुजर जाने के बाद लगातार कंपन जारी है। बारह अप्रैल को 7.3 रेक्टर की तीव्रता ने स्थिति को जटिल बनाने के साथ ही लोगों का सामान्य जीवन तबाह कर दिया है। भारी संख्या में लोग खुले आसमान के नीचे राते गुजारने के लिए बाध्य हैं। पीड़ितों के पास अब तक पर्याप्त राहत सामग्री नहीं पहुंच पाई है। दूर-दराज के क्षेत्रों में स्थिति और भी भयावह है। सरकारी मदद अब तक इन स्थानों तक नहीं पहुंची है। राज्य सरकारों की अनुपस्थिति ने शासकीय शून्यता को जन्म दिया है। वर्षों से वहां पर नौकरशाहों का राज है। स्थानीय स्तर पर निर्वाचित और उत्तरदायी शासन के अभाव ने राहत कार्यों में गंभीर स्थिति को जन्म दिया है।