स्टार खिलाड़ी साइना नेहवाल 3 साल बाद एक बार फिर नेशनल बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद की एकेडमी से जुड़ गई हैं। एक बार फिर से साइना ने गोपीचंद के अकैडमी में ट्रेनिंग लेना शुरू कर दिया है।
साइना नेहवाल और पीवी सिंधू के लगातार ओलंपिक खेलों में पदक के दौरान इन दोनों खिलाड़ियों का मार्गदर्शन करने वाले मुख्य बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद ने कहा कि वह भाग्यशाली थे कि पढ़ाई में अच्छे नहीं थे और आईआईटी परीक्षा पास नहीं कर पाने से उनके सफल खिलाड़ी बनने का रास्ता खुला।
'मन की बात' के 23 वें संस्करण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को याद करने के साथ पीवी सिंधु के कोच पुलेला गोपीचंद की शैक्षिक समर्पण भावना को सलाम किया। पीएम मोदी ने कहा कि सोमवार को हॉकी के जादूगर ध्यानचंद जी की जन्मतिथि है। यह दिन राष्ट्रीय खेल दिवस के रुप में मनाया जाता है। मैं ध्यानचंद जी को श्रद्धांजलि देता हूं और इस अवसर पर आप सभी को उनके योगदान की याद भी दिलाना चाहता हूं। ध्यानचंद जी स्पोर्ट्समैन स्प्रिट और देशभक्ति की एक जीती-जागती मिसाल थे। पीएम मोदी ने कहा कि mygov.in पर कई लोगों ने रियो ओलंपिक और साक्षी, सिंधू के बारे में बोलने के लिए कहा है। हमारी बेटियों ने एक बार फिर साबित किया कि वे किसी भी तरह से, किसी से भी कम नहीं हैं।
रियो ओलंपिक में रजत पदक जीतने के बाद हैदराबाद पहुंचने पर हुए भव्य स्वागत से अभिभूत भारत की चोटी की शटलर पीवी सिंधू ने आज कहा कि उनके बलिदानों और ईश्वर की कृपा से वह रियो में पोडियम तक पहुंचने में सफल रही।
जब बात अनुशासन की आती है तो भारत के दिग्गज बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद कोई समझौता नहीं करते और यही वजह रही कि उन्होंने पिछले तीन महीने से पी.वी. सिंधु को फोन से दूर रखा और रियो पहुंचने पर इस रजत पदक विजेता शटलर को आईसक्रीम भी नहीं खाने दी।
कहा जाता है कि गुरु को मुक्ति तब मिलती है, जब शिष्य उससे बड़ा हो जाए। गोपीचंद ने इसे अपनी जिंदगी में अपनाया है। ओलंपिक के लिहाज से देखा जाए, तो आज उनके शिष्य बड़े मुकाम पर खड़े हैं। गोपी से भी ऊंचे मुकाम पर। फर्क बस यह है कि गोपी का कद भी उसके साथ बढ़ता जा रहा है। जीवन में जो सीखा, उसे संसार को वापस करना क्या होता है, इसे गोपी से समझा जा सकता है।
युवा भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी सिरिल वर्मा को पेरू के लीमा में चीनी ताइपे के चिया हुंग ल्यू के खिलाफ फाइनल में शिकस्त के साथ बीडब्ल्यूएफ विश्व जूनियर चैम्पियनशिप में रजत पदक के साथ संतोष करना पड़ा।