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पेशेवर बॉक्‍सर विजेंदर ने देश और मुहम्‍मद अली को समर्पित किया खिताब

पेशेवर बॉक्‍सर विजेंदर ने देश और मुहम्‍मद अली को समर्पित किया खिताब

पेशेवर बॉक्‍सर विजेंदर सिंह डब्‍ल्‍यूबीओ एशिया पैसेफिक सुपर मिडिलवेट चैम्पियन बन गए हैं। उन्‍होंने ऑस्ट्रेलिया के कैरी होप पर (98-92, 98-92, 100-90) के स्कोर से जीत हासिल की। प्रो-बॉक्सिंग में विजेंदर की ये लगातार 7वीं जीत है। इससे पहले हुए सभी छह मुकाबलों में विजेंदर ने अपने प्रतिद्वंद्वियों को नॉकआउट किया था। लेकिन कैरी होप के खिलाफ इस बार वो ऐसा नहीं कर सके।
मुहम्‍मद अली पार्किन्‍संस से नहीं जीत सके, 74 साल की उम्र में अमेरिका में निधन

मुहम्‍मद अली पार्किन्‍संस से नहीं जीत सके, 74 साल की उम्र में अमेरिका में निधन

अपने जीवन में 61 फाइटिंग में से सिर्फ पांच में हारने वाले जाने माने मुक्‍केबाज 'द ग्रेट' मोहम्मद अली जिंदगी की जंग में पार्किन्‍संस से हार गए। 74 साल के अली सांस की तकलीफ की वजह से अस्पताल में भर्ती थे। उनका अमेरिका के लास एंजिल्‍स में निधन हो गया। अली को पार्किनसन की बीमारी की वजह से सांस लेने में काफी दिक्‍कत हो रही थी।
अलविदा मुहम्‍मद अली :  पूरे कैरियर में सहे 29000 मुक्के, कमाए 5.7 करोड़ डॉलर

अलविदा मुहम्‍मद अली : पूरे कैरियर में सहे 29000 मुक्के, कमाए 5.7 करोड़ डॉलर

दुनिया में मुक्‍केबाजी के पर्याय मुहम्‍मद अली ने एक बार गणना की थी कि उन्होंने अपने पेशेवर करियर में 29,000 मुक्के सहे और पांच करोड़ 70 लाख डालर की कमाई की। उनके मुक्के दमदार होते थे और अपनी तेजी की वजह से प्रतिद्वंद्वी को हतप्रभ करने में माहिर भी थे। इस हैवीवेट चैंपियन ने अपने मुक्‍कों से दुनिया को रोमांचित करने का वादा किया और फिर वह इसमें सफल भी रहे। यहां तक कि मुक्के खाने की वजह से उन्‍हें पार्किन्‍संस हो गया था। वह इस वजह से बमुश्किल बात कर पाते थे तब भी वह लोगों को प्रभावित करते थे।
मुक्केबाज देवेंद्रो और विकास को मिल पायेगा ओलंपिक टिकट!

मुक्केबाज देवेंद्रो और विकास को मिल पायेगा ओलंपिक टिकट!

राष्ट्रमंडल खेलों के रजत पदक विजेता एल. देवेंद्रो सिंह (49 किग्रा) और एशियाई खेलों के कांस्य पदक विजेता विकास कृष्ण (75 किग्रा) अजरबेजान के बाकू में 16 जून से शुरू हो रहे एआईबीए विश्व ओलंपिक क्वालीफाइंग टूर्नामेंट में नौ सदस्यीय भारतीय टीम की चुनौती की अगुआई करेंगे।
गरीबी में पूर्व बॉक्‍सर बना सफाईकर्मी, लेकिन छोड़ी नहीं आस

गरीबी में पूर्व बॉक्‍सर बना सफाईकर्मी, लेकिन छोड़ी नहीं आस

15 साल की उम्र में अभिनेता धर्मेंद्र की फिल्म मैं इंतकाम लूंगा देखकर मुक्केबाजी रिंग में उतरे कमल कुमार वाल्मीकि ने जिला और प्रदेश स्तर पर कई पदक जीते और उत्तर प्रदेश का नाम रोशन किया। लेकिन एक सफाई कर्मचारी का यह होनहार मुक्केबाज बेटा पैसों की तंगी के कारण आगे नही खेल सका और अब यह अपने मुक्केबाजी के करियर के सपनों को दफन कर रोजी रोटी के लिये 4200 रूपये प्रति माह पर कूड़ा-गंदगी उठा रहा है।
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