अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने 'संत' की उपाधि देने के लिए एक प्रक्रिया तय करने का फैसला किया है। जिससे गुरमीत राम रहीम सिंह जैसे लोगों को इसका गलत इस्तेमाल करने से रोका जाए। अब किसी व्यक्ति की पड़ताल करने और उसका आंकलन करने के बाद ही यह उपाधि दी जाएगी।
न्यायमूर्ति दया चौधरी की एकल पीठ ने फगवाड़ा के निवासी सुरिंदर मित्तल की याचिका पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को राधे मां के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।
राधे मां अपनी विवादास्पद छवि को बदलना चाहती हैं। इसका सबसे अच्छा तरीका है कि वह किसी अच्छे व्यक्ति का अभिनय करने लगो। राधे मां को भी यही तरीका सूझा है और वह जल्द ही वेबसीरिज के जरिए भक्तों के लिए अपने नए रूप में अवतरित होंगी।
निजी टीवी चैनल आईबीएन-7 पर लाइव बहस के दौरान तकरार मारपीट तक पहुंच गई। रविवार को प्रोग्राम ‘आज का मुद्दा’ में राधे मां और उन पर लगने वाले आरोपों को लेकर चर्चा चल रही थी। इसी दौरान ओमजी महाराज नाम के एक तथाकथित धर्मगुरू ने स्टूडियों में बैठीं दीपा शर्मा नाम की महिला पर व्यक्तिगत टिप्पणियां करनी शुरू कर दीं। इससे गुस्साई दीपा शर्मा ने ओमजी महाराज को थप्पड़ रसीद कर दिया। फिर क्या था महिला और महाराज के बीच शो के दौरान ही हाथापाई शुरू हो गई। प्रोग्राम के वीडियो में महाराज भी महिला को थप्पड़ मारते हुए दिखाई दे रहे हैं।
दहेज उत्पीड़न से जुड़े एक मामले में बंबई हाईकोर्ट ने विवादस्पद सुखविंदर कौर उर्फ राधे मां को अंतरिम जमानत दे दी है। उनकी गिरफ्तारी पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने दो हफ्ते की रोक लगाई है। लेकिन उनके खिलाफ नए-नए आराेप सामने आने से उनकी मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं।
हाल के दिनों की कुछ घटनाओं का आधार मान लें तो हिंदू संतों की जिंदगी सवालों के घेरे में है। जो सेवा, त्याग, तपस्या का दम भरते थे, वे सिक्कों की खनखनाहट के फेर में पड़ने से लेकर संदिग्ध लोगों तक को पदवियां बांटने में जुटे हुए दिख रहे हैं। संतई एक भरा-पूरा कारोबार नजर आ रही है। नाम, पहचान, भगवान से लेकर पद-परंपरा तक, सब कुछ बिकने वाली चीजों में शुमार हो गए हैं। ऐसे हालात में आस्था और भरोसा कहीं कोने में दुबक कर सिसक रहे हैं। संतों का कारोबार लगातार तरक्की कर रहा है और जिंदगी की दुश्वारियों से परेशान लोग किसी चमत्कार की उम्मीद में उनके शरणागत हो रहे हैं।