पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सुरजीत सिंह बरनाला का आज यहां निधन हो गया। वह 91 वर्ष के थे। उन्होंने पंजाब की कमान ऐसे समय में संभाली थी जब अस्सी के दशक में उग्रवाद वहां चरम पर था।
कुछ फिल्में ऐसी भी होती हैं जो अपने छोटे बजट या कम चमकते चेहरों के चलते रिलीज के समय तो ज्यादा चर्चा और कामयाबी नहीं हासिल करतीं लेकिन धीरे-धीरे उन्हें उनका वाजिब हक मिलने लगता है।
देश के सभी कोनों से, सभी भाषाओं में एक ही आवाज उठ रही है। यह अपने आप में ऐतिहासिक परिघटना है। इससे पहले इस देश में इतने बड़े पैमाने पर लेखकों-साहित्यकारों-रंगकर्मियों ने एक साथ एक ही मुद्दे पर मिलकर आवाज नहीं उठाई थी। वे सब अलग-अलग राज्यों से, अपनी-अपनी भाषाओं में एक ही स्वर बोल रहे हैं।
आजादी पर हमले के विरोध में साहित्यकारों का लगातार साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाना जारी है। यह सिलसिला पंजाब में भी शुरू हो चुका है। गुरुबचन भुल्लर, अजमेर सिंह औलख, आत्मजीत सिंह और कैनेडा में रह रहे वरियाम संधू पहले ही साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने का ऐलान कर चुके हैं।