उमा भारती अपने संसदीय क्षेत्र की लड़कियों को पढ़ाना चाहती हैं ताकि आर्थिक स्वालंबन आए। उनके अनुसार लड़कियों को आगे बढ़ाने के लिए यह सबसे जरूरी कदम है। गंगा को निर्मल बनाना भी उनकी प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर है।
दिल्ली का इंडिया हैबिटैट सेंटर में रोज की तरह गहमा गहमी है। यहीं के एक हॉल में बिहार के अलग-अलग जिले से कुछ बच्चे आए हुए हैं, जोश और आत्मविश्वास से भरे हुए। अपनी बात कहने के लिए तत्पर।
रंजीव वर्मा और नीतू वर्मा ने स्कूल और इससे जुड़ी समस्याओं को बेहतर ढंग से रखा है और सोचने पर मजबूर किया। निर्देशक जयंत गिलेतर की यह कोशिश कामयाब ही कही जाएगी।
कर्नाटक के हासन जिले में रहने वाले एस एल भैरप्पा ने भारतीय संस्कृति पर और पुराणों पर बहुत काम किया है। पर्व और आवरण जैसे चर्चित उपन्यास के लेखक भैरप्पा चाहते हैं कि भारतीय संस्कृति को जीवित रखना है तो आज ही कदम उठाने होंगे।
शोले का ठाकुर अपना बदला लेने के लिए जय-वीरू नाम के दो बदमाशों को खोजता है। वजीर का ओमकार नाथ धर अपना बदला लेने के लिए पुलिस का ही एक स्पेंड अधिकारी खोज लेता है।
मध्य प्रदेश के बाबरी गांव में जन्में बीके हिंदुस्तानी पिता जी की नौकरी की वजह से भिलाई के छत्तीसगढ़ में रहे। वहीं पढ़ाई की और उसे ही अपना कर्मक्षेत्र बनाया। लेकिन जब अपने जन्म स्थान लौटे तो कुछ अलग करने के जज्बे के साथ।
नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत खुले में शौच न जाने के नियम ने कई बुजुर्गों की सुबह बिगाड़ दी है। बात सिर्फ खुले में शौच करने पर 250 रुपये जुर्माने की नहीं है, आदत की भी है। हालांकि लोग मानते है कि ठीक से सफाई रहेगी तो उनका स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा।
बॉलीवुड का सबसे प्रतिष्ठित अवॉर्ड फिल्मफेयर के प्रति हमेशा से अलग तरह की चाहत रही है। फिल्मफेयर के 61 साल के इतिहास में पहली बार साधारण दर्शक इसका हिस्सा बन पाएंगे।
भारत भर के तमाम पाठक, लेखक, प्रकाशक और पुस्तक मेले के प्रशंसक हर बरस मेले की बाट जोहते हैं। इस साल यह मेला हर साल की तरह प्रगति मैदान में 9 से 17 जनवरी 2016 को होगा।