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नई प्रौद्योगिकी अपनाने के वैश्विक सूचकांक में भारत 170 देशों में 36वें स्थान पर

अग्रणी प्रौद्योगिकियों को अपनाने में तत्परता के मामले में दुनियाभर के 170 देशों की रैंकिंग में भारत...
नई प्रौद्योगिकी अपनाने के वैश्विक सूचकांक में भारत 170 देशों में 36वें स्थान पर

अग्रणी प्रौद्योगिकियों को अपनाने में तत्परता के मामले में दुनियाभर के 170 देशों की रैंकिंग में भारत 36वें स्थान पर है। संयुक्त राष्ट्र ने इस बारे में रिपोर्ट जारी की है। विश्व निकाय की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की रैंकिंग में पिछले वर्षों की तुलना में सुधार हुआ है।

संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास (यूएनसीटीएडी) द्वारा जारी प्रौद्योगिकी और नवाचार रिपोर्ट 2025 में कहा गया है कि भारत 2024 में ‘अग्रणी प्रौद्योगिकी के लिए तत्परता’ सूचकांक में 36वें स्थान पर है, जो 2022 में उसके प्रदर्शन से बेहतर है। 2022 में भारत इस सूचकांक में 48वें स्थान पर था।

इस रैंकिंग में उन देशों को शामिल किया गया है, जो नयी एवं अहम तकनीकों को अपनाने में तत्परता दिखाते हैं।

सूचकांक में आईसीटी (सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी) परिनियोजन, कौशल, अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) गतिविधि, औद्योगिक क्षमता और वित्त तक पहुंच के संकेतकों को शामिल किया गया है।

भारत आईसीटी के लिए 99वें, कौशल के लिए 113वें, आरएंडडी के लिए तीसरे, औद्योगिक क्षमता के लिए 10वें और वित्त के लिए 70वें स्थान पर है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि मानव संसाधन के मामले में भूटान, भारत, मोरक्को, मालदोवा गणराज्य और तिमोर-लेस्ते की रैंकिंग में सुधार हुआ है।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्राजील, चीन, भारत और फिलीपीन विकासशील देश हैं जो प्रौद्योगिकी तत्परता में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘उम्मीद की जा सकती है कि प्रति व्यक्ति उच्च जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वाले देश अत्याधुनिक तकनीकों के लिए बेहतर तरीके से तैयार हैं। लेकिन… कुछ देश अपनी आय के स्तर से कहीं बेहतर प्रदर्शन करते हैं, जैसा कि प्रति व्यक्ति जीडीपी पर सूचकांक स्कोर से संकेत मिलता है।’’

इसमें यह भी कहा गया है, ‘‘विकासशील देशों को एक ऐसी दुनिया के लिए खुद को तैयार रखने की जरूरत है जो बदलती तकनीक और एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) द्वारा तेजी से नया रूप ले रही है। विकसित देश इस रैंकिंग में शीर्ष पर हैं, लेकिन कुछ विकासशील देशों जैसे सिंगापुर, चीन और भारत ने भी शीर्ष स्थान हासिल किया है।’’

रिपोर्ट के अनुसार, चीन, जर्मनी, भारत, ब्रिटेन और अमेरिका ने एआई के क्षेत्र में अपनी वैज्ञानिक ताकत दिखाई है। इसमें कहा गया है कि एआई में निवेश के मामले में अमेरिका सबसे आगे है और साल 2023 में अमेरिका ने एआई में 67 अरब डॉलर का निवेश किया था। यह पूरी दुनिया में एआई के क्षेत्र में हुए निवेश का 70 प्रतिशत है। इसके बाद चीन ने एआई में 7.8 अरब डॉलर निवेश किए हैं और वह दूसरे स्थान पर है। 1.4 अरब डॉलर के निवेश के साथ भारत इस मामले में 10वें स्थान पर है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2033 तक दुनियाभर में एआई बाजार 4.8 खरब डॉलर का होगा और डिजिटल बदलाव में इसकी अहम भूमिका होगी।

हालांकि एआई बुनियादी ढांचे और विशेषज्ञता तक पहुंच कुछ ही अर्थव्यवस्थाओं तक केंद्रित है। एआई के क्षेत्र में 100 प्रमुख कंपनियां काम कर रही हैं और इनमें से अधिकतर अमेरिका और चीन में ही हैं। ये दोनों देश एआई में अनुसंधान और विकास में कुल व्यय का 40 फीसदी खर्च कर रहे हैं।

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